करगिल के शहीद कैप्टन विक्रम बत्रा की मां ने नरेंद्र मोदी पर बदउनवानियों से भरी सियासत करने का इल्जाम लगाया है। मोदी ने हिमाचल प्रदेश की सभाओं में विक्रम बत्रा की शहादत और युद्ध के वक़्त लगाए गए उनके नारे -ये दिल मांगे मोर का हवाला देते हुए बीजेपी के लिए वोट मांगा था। आम आदमी पार्टी के टिकट पर हमीरपुर से इन्तेख़ाबात लड़ रहीं, विक्रम बत्रा की मां कहा है कि मोदी चुनावी फायदे के लिए शहीद के नाम का इस्तेमाल कर रहे हैं।
कहा जाता है कि 24 साल के विक्रम बत्रा करिगल में दुश्मनों का सफाया करते हुए ये दिल मांगे मोर का नारा लगा रहे थे। मोदी ने उसी नारे का हवाला देते हुए बीजेपी के लिए वोट मांगे। पालमपुर में मोदी ने कहा कि जब भी हिमाचल आता हूं विक्रम बत्रा याद आते हैं और याद आता है उनका ये दिल मांगे मोर। अब उनकी मां भी हमसे कहती है ये दिल मांगे मोर।
मोदी का ये रुख शहीद विक्रम बत्रा के परिवार को बिल्कुल भी रास नहीं आया है। शहीद की मां, कमल कांत बत्रा आम आदमी पार्टी के टिकट पर हमीरपुर से इन्तेख़ाबात लड़ रही हैं। उन्होंने बेहद सख्त लहजे में मोदी के नाम एक खत जारी किया है। उन्होंने इस खुले पत्र में लिखा है कि आप आज विक्रम बत्रा के नाम और नारे का इस्तेमाल कर रहे हैं। मैं आपसे पूछती हूं कि इन 15 सालों में आपने या बीजेपी ने इसका इस्तेमाल क्यों नहीं किया। सिर्फ इन्तेख़ाबात के लिए आपने उसकी शहादत को याद किया। ये भ्रष्ट राजनीति है। अगर आप समचमुच सेना या शहीदों का सम्मान करते हैं तो एक सैनिक का परिवार आपके लिए भगवान की तरह होना चाहिए। मैं आपकी जगह होती तो बीजेपी के प्रत्याशी को वापस ले लेती जो मेरे खिलाफ इन्तेख़ाबात लड़ रहा है।
विक्रम बत्रा की मां का पत्र बीजेपी को परेशान करने वाला है। लेकिन पार्टी ने दलील दी है कि शहीद किसी एक मां का नहीं होता। पार्टी नेता मीनाक्षी लेखी ने कहा कि जो शहीद होते हैं देश के लिए, वो किसी एक माता के नहीं हो सकते। इन्तेख़ाबात किसी की मां, बेटे और बहू के आधार पर नहीं होते। आपने क्या किया है, इस पर होते हैं। उधर, मौका पाकर कांग्रेस ने भी बीजेपी को आड़े हाथों लिया है। पार्टी महासचिव दिग्विजय सिंह ने ट्वीट किया है कि मोदी जी ने जिस तरह से विक्रम बत्रा की शहादत का सियासी उपयोग किया, वह ठीक नहीं है।
मोदी को लेकर शहीद विक्रम बत्रा के परिवार की नाराजगी ने हिमाचल प्रदेश की सियासत में नई सरगर्मी भर दी है। शहीद के पिता जी.एल.बत्रा ने भी आपत्ति जताते हुए कहा है कि अगर डिंपल यादव निर्विरोध जीत सकती हैं तो एक शहीद की मां को यह सम्मान क्यों नहीं मिल सकता।
उधर मोदी ने भी मुद्दे की नजाकत को समझते हुए कहा कि ये किस तरह की सियासत हो रही है कि शहीद का नाम लेने पर भी ऐतराज किया जा रहा है। मैं किसी शहीद और उसके परिवार का बेइज्जती करने की बजाय सियासत छोड़ना पसंद करूंगा।