मोदी के विरुद्ध जाती दिख रही पोल को टाइम्स ऑफ़ इंडिया ने हटाया

हाल के दिनों में नोटबंदी के ऊपर कई सर्वे कराये गए। जिनमें से एक खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मोबाइल एप्प के ज़रिये कराया। सभी सर्वे में बहुमत इस फैसले के समर्थन में आया।

इन सर्वेक्षणों के ऊपर लोगों ने कई सवाल भी उठाये। कुछ सर्वे में जवाब देने वालों की तादाद बेहद कम थी तो वहीं मोबाइल एप्प पर जनता का संभ्रांत धड़ा ही अपने जवाब दर्ज कर सकता था।

लेकिन इस दौरान कुछ ऐसा भी हुआ जो मीडिया की इमानदारी पर सवाल उठाता है। ऐसा ही एक वाकया टाइम्स ऑफ़ इंडिया के साथ पेश आया।

टाइम्स ऑफ़ इंडिया ने अपनी वेबसाइट पर एक पोल डाला था। इस पोल में सवाल था “आप नोटबंदी के बारे में क्या सोचते हैं”। इस सवाल के तीन जवाब दिए गए थे। पहला, अच्छी तरह लागू किया गया अच्छा फैसला। दूसरा, अच्छा फैसला गलत तरीके से लागु किया गया। तीसरा, बुरा फैसला, बुरी तरह से लागू किया गया।

शुरुआती वोटिंग के दौरान सब कुछ सही रहा। लेकिन जैसे जैसे वोट की तादाद बढती गयी और तीसरे जवाब, जोकि मोदी के फैसले के खिलाफ था, उसका प्रतिशत काफी ज़्यादा हो गया।

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जब आखरी बार इस पोल के देखा गया तब पहले जवाब के पक्ष में 29 प्रतिशत मत, दुसरे के पक्ष में 15 प्रतिशत और तीसरे के पक्ष में सर्वाधिक 56 प्रतिशत मत थे। इसके बाद यह पोल वेबसाइट से हटा लिया गया।

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इसके बाद से इस पोल के स्क्रीनशॉट सोशल मीडिया पर वायरल हो गए हैं। सोशल मीडिया में चर्चा है कि टाइम्स ऑफ़ इंडिया ने इस पोल को मोदी के विरोध में जाता देख हटा लिया है।

हकीक़त जो भी हो, लेकिन इस पोल के हटाये जाने के बाद टाइम्स ऑफ़ इंडिया की ईमानदारी पर सवाल उठने लाज़मी हैं।