मोदी के ख़िलाफ़ तहक़ीक़ात के लिए सदर जमहूरीया को मकतूब

मुअत्तल शूदा आई पी एस ओहदेदार संजीव भट्ट ने 2002 गुजरात फ़सादाद में चीफ़ मिनिस्टर नरेंद्र मोदी और दीगर के रोल की तहक़ीक़ात कराने के लिए एक नया कमीशन तशकील देने सदर जमहूरीया प्रतिभा पाटिल से दरख़ास्त की है। संजीव भट्ट ने सदर जमहूरीया को रवाना कर्दा अपनी दरख़ास्त में कहा है कि दफ़ा 3 बराए कमीशन्स इंक़्वायरी एक्ट 1952 के तहत दो रुकनी कमीशन तशकील देने हुकूमत को तेज़ तर इक़दामात करने चाहिए।

ये कमीशन सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज की ज़ेर-ए-क़ियादत तशकील दिया जाए ताकि चीफ़ मिनिस्टर गुजरात के रोल की तहक़ीक़ात की जाए। संजीव भट्ट ने मज़ीद कहा कि चीफ़ मिनिस्टर और उन की वज़ारती कौंसल के दीगर कोई भी वुज़रा फ़र्दे वाहिद और तंज़ीमों ने गोधरा में हंगामा आराई से निमटने और इस के बाद रियासत भर में फ़िर्कावाराना फ़सादाद को रोकने के लिए कोई मुनासिब इक़दामात नहीं किए।

नये पैनल को इन तमाम का जायज़ा लेना होगा। भट्ट ने लिखा है कि नए कमीशन को चाहीए कि उसे गुजरात नज़म-ओ-नसक़ की जानिब से जून 2002 से आज तक की कार्यवाईयों का पता चलाना होगा ताकि 27 फरवरी 2002 फ़िर्कावाराना फ़सादाद के मुतास्सिरीन के साथ इंसाफ़ हो और उन की राहत कारी और बाज़ आबादकारी का इंतेज़ाम किया जा सके।

वाज़िह रहे कि सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस जी टी नानावती (रिटायर्ड) की ज़ेर-ए-क़ियादत एक पैनल काम कर रहा है और हाइकोर्ट के जस्टिस रिटायर्ड महित ने पहले ही 2002 फ़सादाद की तहक़ीक़ात की है।