2002 के फ़िर्कावाराना फ़सादात में गुजरात के चीफ मिनिस्टर नरेंद्र मोदी को ख़ुसूसी तहक़ीक़ाती टीम (एस आई टी) की रिपोर्ट में क्लीन चिट दिए जाने के ख़िलाफ़ फ़सादात से मुतास्सिरा ख़ातून ज़किया जाफरी की तरफ़ से पेश करदा एहितजाजी दर्ख़ास्त पर गुजरात की एक मुक़ामी अदालत ने अपने फैसला को 28 अक्तूबर तक महफ़ूज़ करदिया है।
ज़किया जाफरी ने, जिनके शौहर और कांग्रेस के साबिक़ रुक्न राज्य सभा एहसान जाफरी को फ़सादियों ने ज़िंदा जला दिया था, 15 अप्रेल को एहतिजाजी दर्ख़ास्त दायर करते हुए सुप्रीम कोर्ट की तरफ़ से मुक़र्रर करदा ख़ुसूसी तहक़ीक़ाती टीम की जानिब से फरवरी में पेश करदा रिपोर्ट को रद करने का मांग किया था और अदालत से दर्ख़ास्त की थी कि नरेंद्र मोदी और दूसरों के ख़िलाफ़ चार्ज शीट पेश करने का हुक्म दिया जाये।
मेट्रो पोलीटन मजिस्ट्रेट बी जे गुना तरह ने आज कहा कि ज़किया जाफरी की दर्ख़ास्त पर अदालती फैसला को 28 अक्तूबर तक महफ़ूज़ करदिया गया है।