मोदी को घुटनों के बल लाना चाहता थी लश्कर

वज़ीर ए आज़म नरेंद्र मोदी और नवाज शरीफ से मुलाकात से तीन घंटे पहले अफगानिस्तान के सदरहामिद करजई ने चौंकाने वाला खुलासा किया। करजई के मुताबिक, दहशतगर्द तंज़ीम लश्कर-ए-तैयबा मोदी की हलफ बरदारी से पहले अफगानिस्तान के हेरात में हिंदुस्तानी सिफारतखाने के ओहदेदारों अधिकारियों को यरगमाल बनाना चाहता था।

अफगानिस्तान के सफीर शाइदा अब्दाली के मुताबिक, यह हमला मोदी के हलफ बरदारी में खलल डालने और तकरीब से पहले हिंदुस्तान की नई हुकूमत को बैकफुट पर लाने की साजिश थी। एक न्यूज चैनल से बातचीत में अफगानिस्तान के सफीर अब्दाली ने बताया कि दरअसल लश्कर के हमलावर हिंदुस्तान के सिफारतखाने पर कब्जा करना चाहते थे ताकि मोदी की हलफबरदारी की तकरीब के दौरान खतरनाक और शर्मनाक हालात पैदा की जाए और नई हुकूमत को मुश्किल हालात में डाला जाए। अगर दहशतगर्द अपने मंसूबों में कामयाब हो जाते तो नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार के लिए 26 मई को हालात तकलीफदेह हो सकते थे।

अफगानिस्तान की हुकूमत के मुताबिक, यह जानकारी उन्हें वेस्टर्न खुफिया एजेंसी ने दी है। हालांकि अभी तक किसी भी तंज़ीम ने हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है। हामिद करजई ने ऑन रिकॉर्ड कहा है कि हेरात हमले के लिए हाफिज सईद जिम्मेदार है। शाइदा अब्दाली ने कहा कि हमें मगरिबी खुफिया एजेंसी से जानकारी मिली है कि हमला करने वाले लश्कर-ए-तैयबा से जुडे हुए थे। जब अब्दाली से पूछा गया कि करजई ने किस मगरिबी खुफिया एजेंसी का जिक्र किया था, तो उन्होंने जानकारी देने से इनकार कर दिया।

अब्दाली ने कहा, हम एजेंसी का नाम नहीं बता सकते, लेकिन वह चीफ वेस्टर्न एजेंसी है। अफगानिस्तान में अमेरिका की बडी खुफिया एजेंसी काम कर रही है। 2008 में काबुल वाके हिंदुस्तानी सिफारतखाने पर हमला हुआ था, तब अमेरिका ने ही बताया था कि ऑपरेशन पेशावर से हैंडल किया गया था।

हिंदुस्तान के सेक्रेटरी खारेजा सुजाता सिंह ने तस्दीक की है कि मोदी और करजई की मुलाकात के दौरान हेरात हमले पर बहस हुई थी। हालांकि उन्होंने यह नहीं बताया कि हिंदुस्तान और पाकिस्तान के पीएम के बीच मुलाकात के दौरान हमले में लश्कर का मुबय्यना तौर पर हाथ होने पर बहस हुई थी या नहीं। गौरतलब है कि 23 मई को हेरात में हिंदुस्तानी सिफारतखाने पर चार दहशतगर्दो ने हमला किया था, लेकिन आईटीबीपी और अफगान सिक्यॉरिटी के जवानों ने सभी दहशतगर्दों को मार गिराया था।