अपने कट्टर सियासी हरीफ़ और बी जे पी के वज़ारत-ए-उज़मा के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी का मजाक उड़ाते हुए वज़ीर-ए-आला बिहार नीतीश कुमार ने कहा कि लोग तारीख की मालूमात रखे बगैर इस मौज़ू पर अनाप शनाप कुछ भी कहते रहते हैं।
इंडिया हिस्टारीकल रेकॉर्ड के 61 वीं ऑल इंडिया कंवेनशन की एक तक़रीब के दौरान अख़बारी नुमाइंदों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि आज ऐसा ज़माना आगया है कि लोग तारीख जैसे मज़मून में कोई मालूमात ना होने के बावजूद जो जी में आए कहते रहते हैं।
अलबत्ता ऐसा कहते वक़्त नीतीश कुमार ने नरेंद्र मोदी का नाम नहीं लिया। याद रहे कि कुछ अर्सा क़बल मोदी ने अपनी हुंकार रैली में तकशेला को बिहार का हिस्सा क़रार दिया था और ये भी कहा था कि राजा पोरस को दरयाए गंगा के किनारे हार हुई थी जबकि हक़ीक़तन उन्हें दरयाए सतलज के किनारे हार हुई थी। मोदी ने चन्द्रगुप्त को गुप्त ख़ानदान का राजा कहा था जबकि उनका ताल्लुक़ मोर्य ख़ानदान से था।