मोदी को “नामर्द ” कहने पर भडकी भाजपा

मरकज़ी वज़ीर और कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद एक बार फिर राहुल गांधी के निर्देशों को ताक में रखते हुए अपनी भाषा की मर्यादा को भूल गए और भाजपा के पीएम ओहदे के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी को “नामर्द” बता डाला। खुर्शीद के इस बयान पर भाजपा आग बबूला हो गई है और उसने खुर्शीद के बयान की मुज़म्मत की है।

दरअसल, सलमान खुर्शीद ने मंगल के रोज़ फर्रूखाबाद में एक इजलास से खिताब के दौरान 2002 के दंगों में नरेंद्र मोदी की नाकामी का सवाल उठाते हुए कहा था कि जब लोग मारे जा रहे थे, तो आप (नरेंद्र मोदी) उनकी हिफाज़त नहीं कर पाए। बिना नरेंद्र मोदी का नाम लिए खुर्शीद ने कहा कि आपकी एक वज़ीर माया कोडनानी लोगों को मरवा रही थीं, तब आप क्या कर रहे थे। उन्हें तो सुप्रीम कोर्ट से क्लीन चिट नहीं मिली। हम आप पर कत्ल का इल्ज़ाम नहीं लगा रहे हैं, बल्कि हमारा इल्ज़ाम है कि तुम नामर्द हो। तुम कातिलों को नहीं रोक पाए।

पुलिस और अदालत का सहारा लेकर तुम बच नहीं सकते। सिख दंगों पर कांग्रेस का बचाव करते हुए खुर्शीद ने कहा कि हमने उसके लिए सिख कम्युनिटी से माफी मांगी। सिख कम्युनिटी के शख्सियात को पीएम , सदर जम्हूरिया और फौज का चीफ बनाकर उनके जख्मों पर मरहम लगाया। आपने अब तक क्यों नहीं माफी मांगी। मोदी के खिलाफ खुर्शीद की इस तल्ख तब्सिरे की मुज़म्मत करते हुए बीजेपी के लीडर शहनवाज हुसैन ने कहा कि खुर्शीद तहजीब और तमीज भूल गए हैं।

जिस तरह के अल्फाज़ का इस्तेमाल कर रहे हैं, वह हिंदुस्तानी शकाफत (Indian Culture)के खिलाफ है।

सलमान खुर्शीद जी गैर मुल्क से तालीम हासिल कर आए हैं। हम हिंदुस्तान की तहजीब को छोडना नहीं चाहते हैं। उन्हें पार्लीमानी वकार का एहतेराम करना चाहिए और ऐसे बयानों से परहेज करना चाहिए। उन्होंने कहा कि क्या मोदी को नामर्द खुर्शीद ने राहुल गांधी के इशारे पर कहा है। राहुल जवाब दें कि क्या उन्होंने यही कहा था अपने लीडरों से कि जब नरेंद्र मोदी से लड ना पाएं तो गाली गलौज करें।

दूसरी तरफ बीजेपी लीडर सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा कि मर्द वह कहलाता है, जो जंग में खड़ा होता है। आपके यहां तो पीएम कैंडिडेट बनना ही नहीं चाह रहे हैं, नामर्द तो वे हैं। मर्द वह हो जिसके पास 56 इंच का सीना है। वह सबको ललकार रहे हैं और आपके लीडर दुबक कर भाग रहे हैं। उन्होंने कहा कि मोदी तो सामने हैं लेकिन राहुल गांधी कहां गए।

खुर्शीद ने इस तरह का बयान पहली बार नहीं दिया है। कानून के वज़ीर ने कई मरतबा अपनी तकरीर में ज़ुबान के वकार भूल चुके हैं। आम आदमी पार्टी के लिए भी खुर्शीद “गटर का कीड़ा” जैसी ज़ुबान का इस्तेमाल कर चुके हैं।