मोदी को बहुत संजीदगी से ले रहा हूं: मनमोहन

वज़ीर ए आज़म मनमोहन सिंह का कहना है कि वह बीजेपी के पीएम कैंडिडेट नरेंद्र मोदी को बहुत संजीदगी से लेते हैं। हिंदुस्तान टाइम्स लीडरशिप समिट में आए वज़ीर ए आज़म ने एक सवाल के जवाब में कहा कि हम कभी भी अपोजिशन की ताकत को कम करके नहीं आंकते / तौलते।

उन्होंने कहा, ‘सियासी पार्टी होने के नाते हम इक्तेदार को मुस्तहकम करने के लिए अपोजिशन की ताकत को कम करके नहीं आंकते। मनमोहन ने कहा कि वह अपने सभी मुखालिफीन को संजीदगी से लेते हैं और उसमें लापरवाही की कोई भी गुंजाइश नहीं रहती।

वज़ीर ए आज़म से जब पूछा गया कि उनके कैबिनेट में मोदी को लेकर दो तरह की राय है- कुछ कहते हैं कि मोदी की तरफ से पेश की गई चुनौती को संजीदगी से लेना चाहिए तो कुछ मोदी को पूरी तरह खारिज कर देते हैं, इस पर उन्होंने कहा, ‘मैं उन लोगों में से हूं, जो अपने मुखालिफो को बहुत स्ंजीदगी से लेते हैं। ढिलाई के लिए तो कोई गुंजाइश ही नहीं है।’ मनमोहन ने कहा कि कांग्रेस पार्टी पूरे एतेमाद के साथ इलेक्शन लड़ रही है। उन्होंने कहा, ‘असेम्बली इलेक्शन के नतीजे चाहे जो भी हों, उनसे गुमराह नहीं होना चाहिए।’

मनमोहन ने इस सवाल को खारिज कर दिया, जिसमें पूछा गया था किफिर्कावाराना तशद्दुद रोकथाम बिल कहीं वोट हासिल करने के लिए छोड़ा गया शिगूफा तो नहीं है। उन्होंने कहा, ‘हुकूमत यह तय करने की कोशिश कर रही है कि अगर दंगों को रोका नहीं जा सकता है तो मुतास्सिरों को मुनासिब मुआवजा दिया जाए।’ सिंह ने कहा कि यह वोट बटोरने का शिगूफा हरगिज नहीं। उन्होंने कहा, ‘मैं समझता हूं कि पिछले पांच या छह सालों से हम मुल्क के कुछ हिस्सों में फिकावाराना दंगों का सामना करना कर रहे हैं। इस बिल की बुनियाद यह है कि अगर दंगों को रोका नहीं जा सकता तो मुतास्सिरो को मुनासिब मुआवजा दिया जाए।’

मनमोहन सिंह ने मुजफ्फरनगर दंगों का जिक्र करते हुए कहा कि, ‘मुल्क के कुछ हिस्सों में हुए वाकियात से पता चलता है कि भले ही हमें मुल्क के सभी शहरियों को तहफ्फुज़ देने का फखर है, लेकिन फिर भी कुछ मौकों पर चूक हो सकती है। अगर यह बिल पार्लियामेंट में पास हो जाता है तो इस तरह की कमियों को दूर करने में मदद मिलेगी।’ मनमोहन ने दहशतगर्द के मुद्दे पर कहा कि दहशतगर्द का आखिरी हदफ फिर्के की तक्सीम कराना होता है, लेकिन दहशतगर्दो को अपने मकसद में कामयाब नहीं होने दिया गया और उन्हें हरा दिया गया।