मोदी को वीज़ा देने के ख़िलाफ़ अरकान-ए- पार्लियामेंट के खत हक़ीक़ी

चीफ़ मिनिस्टर गुजरात नरेंद्र मोदी को वीज़ा ना देने के लिए सदर अमरीका बराक ओबामा के नाम रवाना हिंदुस्तानी पार्लियामेंट अरकान के खत पर पैदा तनाज़े ने नया मोड़ ले लिया है।

दस्तावेज़ी जायज़ा लेने वाले कैलीफोर्निया के फ़ारेंसिक माहिर ने खत में अरकान-ए- पार्लियामेंट की दस्तख़तों को हक़ीक़ी और मुसद्दिक़ा क़रार दिया है इस में कोई छेड़छाड़ नहीं की गई है। राज्यसभा के अरकान के खत में जो दस्तख़तें पाई गयी हैं फ़ारेंसिक जांच में दरुस्त दिखाई दी हैं। राज्यसभा और लोकसभा के अरकान की गुज़िश्ता साल 26 नवंबर और 5 डसमबर को दिए गए दो खत पर मौजूद तहरीर का फ़ारेंसिक जायज़ा लिया गया तो ये ताज़ा खत में भी हूबहू पाया गया। ये खत 21 जुलाई को वाईट हाऊस के पते पर फ़ैक्स किया गया था। उसकी जांच कैलीफोर्निया के फ़ारेंसिक माहिर ने की है।

ख़त के फ़ारेंसिक जांच के बाद रिपोर्ट में कहा गया है कि अदालती तहक़ीक़ात के मंज़ूरा उसूलों और तरीक़ों को बरुए कार लाते हुए मेरी राय ये है कि राज्य सभा अरकान-ए-पार्लियामेंट के ख़त के सफ़हात एक ही मर्तबा तैयार किए गए हैं और इस पर गीली स्याही के असली मुस्तनद दस्तख़त हैं। सीताराम येचूरी रामलिंगम और अचेवतन ने दस्तख़त ना करने का दावा किया था जबकि अमरीकी माहिर ने उनकी दरोग़ गोई को आशकार कर दिया है।

सी पी एम लीडर सीताराम येचुरी कमीयूनिसट पार्टी के एम पी अचेवतन और डी एम के के पी रामलिंगम समेत कुछ अरकान-ए-पार्लियामेंट ने सदर ओबामा को खत लिखते हुए मोदी को वीज़ा ना देने की दरख़ास्त की थी। 40 हिंदुस्तानी अमरीकी तंज़ीमों का ग्रुप सी ए जी मोदी को अमरीकी वीज़ा के ख़िलाफ़ मुहिम चला रहा है। अरकान-ए- पार्लियामेंट में से बाज़ ने दस्तख़त करने की तरदीद करदी थी।