पटना, 01 जनवरी ( पी टी आई) बदउनवानीयों के ख़िलाफ़ तहरीक चलाने वाले समाजी कारकुन अन्ना हज़ारे ने आज नरेंद्र मोदी को आइन्दा आम इंतेख़ाबात के दौरान वज़ीर-ए-आज़म के ओहदा के लिए बतौर उम्मीदवार पेश करने पर सवाल उठाते हुए कहा कि नरेंद्र मोदी ने बदउनवानीयों के ख़ातमा के लिए कोई इक़दाम नहीं किया जिसका अंदाज़ा इस बात से लगाया जा सकता है कि लोक आयुक्त की जायदाद 2003 से मख़लवा है जिसे पार करने के लिए वज़ीर-ए-आला ने कोई इक़दामात नहीं किए ।
मैं नरेंद्र मोदी से ये पूछना चाहता हूँ कि उन्होंने गुजरात को बदउनवानीयों से पाक रियासत बनाने और रियासत में लोक आयुक्त के लिए बिल पेश क्यों नहीं किया ?। अन्ना हज़ारे ने ये तमाम बातें अख़बारी नुमाइंदों की जानिब से पूछे गए सवालात का जवाब देते हुए कहीं जहां उन्होंने ये भी कहा कि रियासत गुजरात से बदउनवानीयों की मुतअद्दिद शिकायतें मौसूल होती हैं ।
अगर मोदी को लोग वज़ीर-ए-आज़म के ओहदे के लिए एक काबिल और मौज़ूं शख़्स तसव्वुर करते हैं तो ख़ुद मोदी ने लोक आयुक्त बिल रियासती असेंबली में पेश क्यों नहीं किया ?। अन्ना हज़ारे ने कल ही यहां जंतंत्र मोरचा का आग़ाज़ किया है । अपनी बात जारी रखते हुए उन्होंने कहा कि मोदी की अदम दिलचस्पी यही ज़ाहिर करती है कि वो गुजरात को बदउनवानीयों से पाक रियासत बनाने में भी दिलचस्पी नहीं रखते ।
ये पूछे जाने पर कि वज़ीर-ए-आज़म के ओहदा के लिए मुनासिब तरीन उम्मीदवार कोई हो सकताहै जिसका जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि ये जमहूरी मुल्क है यहां कोई भी वज़ीर-ए-आज़म बन सकता है । मुल्क में गुज़शता 65 साल के दौरान मुतअद्दिद क़ाइदीन वज़ीर-ए-आज़म के ओहदा पर फ़ाइज़ हुए लेकिन इससे क्या नुमायां तब्दीली वाकेय् हुई ? नुमायां तब्दीली सिर्फ़ उसी वक़्त वाकेय् होगी जब अवाम को अपना वज़ीर-ए-आज़म मुंतख़ब करने की आज़ादी हासिल होगी ।
उन्होंने एक बार फिर अपनी बात दुहराते हुए कहा कि वो कमज़ोर लोक पाल बिल हरगिज़ मंज़ूर नहीं करेंगे ।