पटना, 11 अप्रैल: वज़ीर ए आज़म के ओहदे के मुद्दे पर जनता दल यूनाईटेड के तेवर कड़े होते जा रहे हैं। इम्कान जताया जा रहा है कि जनता दल यूनाईटेड (जदयू) अब सीधे तौर पर ही बीजेपी से पीएम ओहदे के उम्मीदवार का नाम पूछ सकती है।
जदयू इस 13 और 14 तारीख को दिल्ली में होने वाली अपनी कौमी मजलिस आमिला की बैठक में कह सकती है कि 2014 के लिए वज़ीर ए आज़म के ओहदे के उम्मीदवार के नाम का ऐलान करे, वह इस मौजू पर किसी शक के हालत में नहीं बने रहना चाहती।
इससे पहले नीतीश कुमार ने भी कहा था कि बैठक में पार्टी इस बात पर फैसला लेगी की एनडीए को इलेक्शन से पहले वज़ीर ए आज़म के ओहदे का उम्मीदवार ऐलान करना चाहिए या नहीं।
साथ ही नीतीश ने यह भी कहा था कि दिल्ली में होने वाली बैठक में यह तय किया जाएगा कि जदयू अब एनडीए के साथ रहेगी या नहीं।
गौरतलब है पिछले कुछ दिनो से भारतीय जनता पार्टी में गुजरात के वज़ीर ए आला नरेंद्र मोदी का कद तेजी से बढ़ता जा रहा है। मोदी को बीजेपी की मरकज़ी इलेक्शन कमेटी में भी शामिल किया है।
वहीं, नीतीश कुमार और नरेंद्र मोदी में टकराव बना हुआ है। नीतीश पहले ही यह कहकर कि वे किसी सेकुलर लीडर को ही वज़ीर ए आज़म के उम्मीदवार के तौर पर कुबूल करेंगे, मोदी की मुखालिफत कर चुके हैं। ऐसे में नीतीश बीजेपी से यह सवाल पूछकर उसे कश्मकश की हालत में डाल सकते हैं।
वहीं, इस मामले पर बीजेपी के सुशील मोदी ने कहा है कि जदयू को भरोसे में लेकर ही बीजेपी वज़ीर ए आज़म ओहदे का उम्मीदवार तय करेगी।
हालांकि, जदयू के इन तेवरों पर अपोजिशन पार्टीयों को भरोसा होता नहीं दिख रहा है। इस ताल्लुक में यूपीए के एनसीपी केलीडर तारिक अनवर का कहना है कि यह तो वक्त आने पर ही पता चलेगा कि जदयू सच बोल रही है या दिखावा कर रही है।