राज्यसभा के साबिक एमपी और जमियत उलेमा-ए-हिंद के लीडर महमूद मदनी ने कहा है कि नरेंद्र मोदी ने 2002 के गुजरात दंगों के बाद न ही कभी माफी मांगी और न ही कभी ज़ख़्म भरने की कोशिश. तो मुसलमानों से गुजरात दंगो को भूल जाने की उम्मीद करना भी गलत है | अगर मोदी माफी मांगते हैं तो यह एक अच्छी शुरुआत होगी, लेकिन माफी की पेशकश उनकी तरफ से होनी चाहिए |
महमूद मदनी ने कहा कि यह मुस्लिम तय नहीं करेगा कि वो मोदी से कैसा रिश्ता चाहता है, बल्कि मोदी को अपनी जिम्मेदारियां निभानी होगी | हमें मोदी से कोई उम्मीद नहीं है और न ही उन्हें हमारी जरूरत है मदनी ने कहा कि आइंदा लोकसभा इंतेखाबात में मुस्लिम वोटर्स अलग-अलग रियासतों में अलग-अलग पार्टियों को वोट करेंगे, लेकिन कुछ रियासतों में वे किसी खास पार्टी को हराने के लिए वोट डालेंगे |
वही दूसरी तरफ मुजफ्फरनगर दंगों पर तंज़ कसते हुए मदनी ने अखिलेश की हुकूमत को बर्खास्त करने की मांग कर डाली यूपी के वज़ीर ए आला को नतजुर्बाकार बताते हुए उन्होंने हुकूमत से फिर्कावाराना ताकतो के साथ दहशतगर्दों के बराबर पेश आने की मांग की हैं इसके साथ ही उन्होंने मुजफ्फरनगर जैसे वाकियात् को गलत ठहराते हुए कहा कि ऐसे वाकियात के वजुहात ही आज का नौजवान गलत रास्ता चुनते हैं |
बशुक्रिया: पलपल इंडिया