मोदी मुसलमानों के लिए हरगिज़ क़ाबिले कुबूल नहीं

हसनुद्दीन अहमद (आई ए एस), मुहम्मद शफीकुज़्ज़मां (साबिक़ स्पेशल चीफ सेक्रेटरी,मेजर सय्यद ग़ौस मुहीयुद्दीन कादरी ( सदर हेल्प हैदराबाद, जनाब ज़हीरुद्दीन अली ख़ान , एम ग़ियासुद्दीन अकबर ने अपने मुशतर्का बयान में कहा कि 2014 के चुनाव में असल मुक़ाबला बी जे पी और सेकूलर जमातों के दरमियान है।

इस हक़ीक़त के बावजूद कि मुसलमान किसी भी हाल में हरगिज़ हरगिज़ बी जे पी की ताईद नहीं करेंगे। बी जे पी की ये कोशिश है कि मुसलमानों में सेकूलर जमातों के ताल्लुक़ से वाजिबी और ना वाजबी शुकूक-ओ-शुबहात पैदा किए जाएं और उनके वोटों को तक़सीम करदिया जाये और ये काम मुसलमानों ही के ज़रिये लिया जाये।

हिंदुस्तानी मीडिया का एक बड़ा तबक़ा भी इस तरह की ज़हन साज़ी की कोशिश कर रहा है और ये तास्सुर दे रहा हैके मोदी को आहिस्ता आहिस्ता मुसलमान कुबूल कर रहे हैं जो कि ना सिर्फ़ सरासर ग़लत है।

आज के हालात में कांग्रेस हो, समाजवादी पार्टी हो, आर जे डी हो या कोई दूसरी सियासी पार्टी हो , ये कम अज़ कम नज़रयाती तौर पर फ़िर्कापरस्त जमात से नबुरद आज़मा हैं।

इसे में इन जमातों की मुख़ालिफ़त यह ख़्वाहम ख़्वाह तन्क़ीद ना सिर्फ़ नामुनासिब है। बल्कि फ़ित्ना अंगेज़ी के बराबर है। इन हालात में हैदराबाद के मुसलमानों का इज़हार ख़्याल सारे मुल्क के मुसलमानों को मुतास्सिर करसकता है।

क्यूंकि इस तरह के किसी इज़हार ख़्याल को मीडिया इस अंदाज़ से पेश करेगा कि बी जे पी को फ़ायदा पहूंच सके। वक़्त का तक़ाज़ा ये है कि वाज़िह तौर पर अवाम को ये पैग़ाम दिया जाये कि मोदी हिंदुस्तान के मुसलमानों के लिए किसी भी सूरत में काबुले कुबूल नहीं हैं और छोटा फ़ित्ना बड़े फ़ित्ने से बेहतर है।