मोदी यूपीए की कई योजनाएं लागू कर लूट रहे हैं वाहवाही: शिवसेना

मुंबई: नये साल पर दिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के भाषण का शिवसेना ने जम कर मजाक उड़ाया है, उन्होंने कहा कि घोषणा में जितनी भी योजनाएं हैं यात तो वह काफ़ी पुराने हैं या फिर UPA सरकार की कार्यकाल में शुरू की गयी थी. उदाहरण के लिए उन्होंने अस्पताल में प्रसव के बाद जच्चा को 6,000 रुपए देने की घोषणा खाद्य सुरक्षा कानून के तहत 2013 से ही चल रही है।

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जनसत्ता ने शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ में सोमवार को प्रकाशित लेख के हवाले से लिखा है कि ‘लोगों को आशा थी कि प्रधानमंत्री मोदी उनके जख्मों पर मरहम लगाएंगे। लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं लगता कि राष्ट्र को संबोधित करते हुए मोदी जी जरा भी गंभीर थे। लाइनों में खड़े होकर 400 से ज्यादा लोगों की जान गयी। सभी मृतकों के परिवार सरकार को कोस रहे होंगे।’

शिवसेना ने सवाल किया है कि नोटबंदी के बाद स्थिति सामान्य होने के लिए और कितने ‘बलिदान’ देने होंगे। उन्होंने कहा कि जिन परिवारों के सदस्य मरे हैं उनके लिए मोदी की घोषणाओं का कोई मोल नहीं है। लोगों को जो दिक्कतें आ रही हैं, वह कब तक खत्म होंगी इसपर वे प्रधानमंत्री से एक ठोस उत्तर चाहते थे। लेकिन, प्रधानमंत्री के पास स्वयं इसका उत्तर नहीं है। साथ ही प्रधानमंत्री के पास ठोस आंकड़े भी नहीं हैं कि नोटबंदी के बाद कितना काला धन बरामद हुआ है।

शिवसेना ने कहा कि किसानों के लिए घोषित योजनाओं में भी गड़बड़ है। उसने जानना चाहा, कि ‘भारतीय रिजर्व बैंक जिला सहकारी बैंकों में जमा चलन से बाहर हुए नोटों को स्वीकार करने को तैयार नहीं है। ऐसे में यह वित्तिय नुकसान उन बैंकों को उठाना होगा। अब प्रधानमंत्री ने घोषणा किया है कि कृषि ऋण का बोझ सरकार उठाएगी। सवाल यह है कि यह बैंक इतने भारी बोझ को कैसे उठा सकेंगे’।