सबका साथ सबका विकास के नारे के साथ जोरदार तरीके से आने वाली बीजेपी सरकार की हर तरफ शिकायत और तन्कीद हो रही है। ह्यूमन राइट्स ग्रुप एमनेस्टी इंटरनेशनल की साल 2015 की जारी ऐनुअल रिपोर्ट में मोदी सरकार की जमकर तन्कीद की गई है।
रिपोर्ट में कहा गया कि मोदी सरकार के इक्तेदार के दौरान फिर्कावाराना दंगे में काफी बढोतरी हुई है। सालाना रिपोर्ट 2015 में एमनेस्टी ने 2014 मई के आम इंतेखाबात को लेकर इलेक्शन के मुताल्लिक तशद्दुद , फिर्कावाराना झडपों और कॉरपोरेट प्रोजेक्ट पर सलाह मशविरे में नाकामी को अहम फिक्र के तौर पर जाहिर किया।
रिपोर्ट में कहा गया है कि मई में आम इंतेखाबात के बाद बीजेपी की अगुआई वाली सरकार इक्तेदार में आई। अच्छी हुक्मरानी और तरक्की का वादा करने वाले पीएम नरेंद्र मोदी ने गरीबी में जी रहे लोगों के लिए माली खिदमात की पहुंच और साफ सफाई बढाने के तईन वाबस्तगी दिखाई।
एमनेस्टी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि हालांकि, सरकार ने कॉरपोरेट से जुड़े प्रोजेक्ट्स से मुतास्सिर फिर्के के साथ तबादला ख्याल की जरूरतों को कम करने की सिम्त में कदम उठाए।
रिपोर्ट में जिक्र किया गया है कि आफीसर मुसलसल लोगों की प्राइवेसी और इज़हार के हुकूक की खिलाफवर्जी कर रहे हैं। उत्तर प्रदेश और कुछ दिगर रियासतों में फिर्कावाराना दंगे में बढोतरी हुई और करप्शन , ज़ात पर मुंहसिर इम्तियाज़ी सुलूक के अलावा फिर्कावाराना दंगे व फसाद फैले है।