‘मोदी लाइए देश बचाइए’ से लेकर ‘पतली दाल खाइये मोटापा घटाइए’ तक सच्ची दोस्ती की मिसाल मोदी- रामदेव

सुख के साथी मोदी और रामदेव। जी हाँ आपको लग रहा होगा मैंने मुहावरा गलत इस्तेमाल किया। लेकिन सोच कर देखिये दुःख क्यों नहीं लिखा मैंने। क्यूंकि इन्हे दुःख है ही कहाँ। दुःख तो हम लोगों यानि आम जनता को होते हैं। इन्हे कैसे दुःख!! एक दुनिया घूम रहा है और एक योग सिखाने के चक्कर में दुनिया को घूमा रहा है।  दो साल पहले किये गए देश में महंगाई कम करने के दावों में मोदी का पूरा साथ देते हुए बाबा रामदेव ने जनता को विश्वास दिलाया था कि कांग्रेस ने जो महंगाई की कगार पर देश को लाकर खड़ा कर दिया है उससे हमें सिर्फ मोदी  जी ही बचा सकते हैं और आज का आलम ये है कि  दालों की कीमत 200 रुपए किलो तक पहुंच गई है और रोजमर्रा की सब्‍ज‍ियां भी आसमान छू रही  हैं। ऐसे में सरकार के हाथ पांव फूल गए हैं। चाहे कुछ भी हो जाए मोदी के गोरख धंधे में बाबा रामदेव उनका पूरा साथ देते आएं हैं। साल 2014 में जहाँ बाबा रामदेव लोगों को ये सलाह देते फिर रहे थे कि कालाधन देश में लाना है तो और देश में बढ़ रही महंगाई पर काबू पान है तो ‘मोदी लाइए देश बचाइए’ तो लीजिए बुरा वक़्त जल्द ही आया और मोदी जी प्रधानमंत्री बन गए और उसके बाद महंगाई पर दोनों में से किसी ने कोई बात नहीं छेड़ी।   आपको याद करवा दूँ कि तब जनता को बोला गया था की मोदी कालाधन देश में लाएंगे और देश के हर आदमी को १५ लाख रुपये अकाउंट में मिलेंगे। अरे भाई यहाँ सिलिंडर की सब्सिडी का इंतज़ार करते 2 महीने हो जाते हैं जोकि सिर्फ 100 से 150 के बीच होती है इसपर मोदी जी अकाउंट में 15 लाख डलवा दें ये तो अब तक सपना ही मालूम होता है।

यकीन मानिए सच्ची दोस्ती की उदारहण है बाबा रामदेव। उन्होंने ये ठान लिया है कि बीजेपी पर कोई आंच न आने दूंगा मैं। केंद्र सरकार को  महंगाई पर कमान कसने की सलाह देने की वजाए  इस बार रामदेव जनता को कह रहे है की ‘पतली दाल खाइये और मोटापा घटाइए’ बाबा रामदेव अब ये भी बता दें जो लोग मोटापे से ग्रस्त नहीं उनको आटे-दाल का खर्चा वह देंगे? रामदेव का कहना है कि महंगाई से परेशान लोग प्रधानमंत्री मोदी को न कैसे बल्कि दालों के दाम बढ़ने पर खूब पानी डालकर दाल बनाएं।  योग गुरु कहलाने वाले रामदेव के मुताबिक, पतली दाल खाने से मोटापा तो खत्म होगा ही, साथ में सेहत भी सही रहेगी। ऐसा चलता रहा तो अगले साल रामदेव का ब्यान आने वाला है की अब देश के लोग खाना छोड़ दें क्यूंकि खाने से मोटापा होता हैं। आम जनता फैसला करें कि क्या हमें पहले डिजिटल इंडिया या स्मार्ट सिटी या बुलेट ट्रैन जैसी चीज़ें चाहिए या घर का गुजर करने और पेट भरने के लिए दाल-रोटी। डिजिटल इंडिया के बाद शायद मोदी देश ,में रोबोट्स बनाने प्लांट भी लगवा दें क्यूंकि आम जनता खायेगी नहीं तो जीएगी कैसे।