मोदी शासन में हुए 70,000 करोड़ के बैंक घोटाले : कांग्रेस

केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कांग्रेस ने कहा कि नरेंद्र मोदी के शासन में 70,000 करोड़ रुपये के बैंक घोटाले भी हुए।

आईडीबीआई  बैंक को खरीदने की तैयारी
कांग्रेस ने कहा कि सरकार अपनी विफलताओं को छिपाने में लगी हुई है। एक ओर जहां भारतीय जीवन बीमा डूबने की कागार पर है वहीं दूसरी ओर सरकार आईडीबीआई बैंक को खरीदने को बाध्य कर रही है।

बैंकों में घोटालों की रकम पहुंची 70,014 करोड़
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा, ‘कई बैंकों में हुए घोटाले से बैंकिंग क्षेत्र में संकट गहरा हुआ है। एक और 6,978 करोड़ का बैंक घोटाला उजागर हुआ है।  इसके बाद अब 13 बैंकों में हुए घोटाले की कुल रकम 70,014 करोड़ रुपये हो गई है।’

17 बैंकों को लगाया गया चूना

कांग्रेस ने सरकार पर आरोप लगाया कि फरीदाबाद स्थित डायवर्सिफाइड कंपनी, एसआरएस समूह आपराधिक साजिश, ठगी और 6,978 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी में लिप्त रही है। इसने कथित तौर पर सैकड़ों फर्जी कंपनियों के जरिए 17 बैंकों को चूना लगाया है। कंपनी ने काले धन को सफेद करने के साथ-साथ घर खरीदने वाले हजारों लोगों के साथ धोखाधड़ी की है।

मोदी सरकार में जारी है वित्त अराजकता
सुरजेवाला ने आगे कहा कि वित्तवर्ष 2017-18 की चौथी तिमाही में भारतीय बैंकों का घाटा बढ़कर 90,000 करोड़ रुपये हो गया है। यह बताते हुए सुरजेवाला ने कहा कि मोदी सरकार में वित्तीय अराजकता लगातार जारी है। एनपीए जो 2013-14 में 2,63,000 करोड़ रुपये था वह बढ़कर 10,30,000 करोड़ रुपये हो गया है।

आईडीबीआई रहा सबसे खराब प्रदर्शन करने वाला बैंक 
उन्होंने कहा कि आईडीबीआई बैंक चौथी तिमाही में सबसे खराब प्रदर्शन करने वाला सार्वजनिक क्षेत्र का बैंक रहा। इसका घाटा बढ़कर 5,663 करोड़ रुपये और एनपीए बढ़कर 55,588.26 करोड़ रुपये हो गया। उन्होंने कहा कि बैंक के खराब कर्ज का अनुपात करीब 28 फीसदी है।