नई दिल्ली/अलीगढ़: दुनिया के सबसे अच्छे शिक्षा संस्थानों में शुमार किये जाने वाली अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी माइनॉरिटी मानी जाए या ना मानी जाए इसको लेकर अदालत में बहस जारी है. इसी बहस के एक सिलसिले में केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पिछली सरकार द्वारा दिए गए एफिडेविट को वापिस लेना चाहती है. AMU की तरफ़ से सुप्रीम कोर्ट को ये बताया गया कि तत्कालीन मनमोहन सिंह सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट में डाली गयी याचिका को अब वापिस लेने का कोई मतलब नहीं है और ये सिर्फ़ राजनितिक लाभ के लिए मोदी सरकार कर रही है. AMU की तरफ़ से पेश किये गए बयान में साफ़ तरह से कहा गया कि ये एक माइनॉरिटी संस्था है और इसी तरह से इसको माना जाना चाहिए.