मोदी सरकार की लोकप्रियता घटी, सबसे ज्यादा गुस्सा दलितों में- सर्वे

क्या नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा व राजग सरकार की लोकप्रियता घट रही है? मोदी सरकार के 4 साल पूरे होने पर जनता का मूड भांपने के लिए एबीपी न्यूज व सीएडीएस के ताजा सर्वे तो कुछ ऐसा ही संकेत दे रहे हैं। सर्वे के अनुसार यदि आज चुनाव कराए जाते हैं, तो एनडीए सरकार अपने दम पर बहुमत हासिल नहीं कर पाएगी।

सर्वे के नतीजों के अनुसार एनडीए को उत्तर प्रदेश में भारी झटका मिलता दिख रहा है। भाजपा ने 2014 में यूपी में 73 सीटें जीती थी, लेकिन अगर आज चुनाव कराए जाते हैं, तो वह अपना यह प्रदर्शन नहीं दोहरा सकेगी।

देश की सभी 543 लोकसभा सीटों की बात करें, तो एनडीए की सरकार अभी बनती नजर आ रही है उसका प्रदर्शन काफी नीचे होगा। वोट शेयर की बात करें तो आज एनडीए को 37फीसदी, यूपीए को 31फीसदी तथा अन्य को 32फीसदी वोट शेयर मिलता नजर आ रहा है।

वर्ष 2014 में एनडीए को 36 फीसदी, यूपीए को 25फीसदी और अन्य को 39 फीसदी वोट मिला था। इस हिसाब से एनडीए को एक प्रतिशत अधिक वोट शेयर मिलता नजर आ रहा है लेकिन यूपीए को वर्तमान में छह फीसदी का फायदा दिख रहा है।

इस सर्वे में 15,859 लोगों की राय ली गई। जिसमें 47 फीसदी लोग मानते हैं कि मोदी सरकार 2019 में एक और मौके के लायक नहीं है, जबकि 39 फीसदी लोग मोदी की सरकार को दूसरा मौका मिलने के पक्ष में थे।

सर्वे के नतीजों से पता चलता है कि देश में खासकर अल्पसंख्यकों में मोदी सरकार विरोधी भावनाएं काफी ज्यादा है। तीन-चौथाई मुस्लिम और पचास फीसदी से अधिक सिखों ने संकेत दिए हैं कि वे मोदी सरकार को अगले साल सत्ता में नहीं देखना चाहते हैं। यद्यपि 44 फीसदी हिंदू चाहतें हैं कि मोदी फिर से प्रधानमंत्री बने जबकि 42 फीसदी हिंदू मोदी सरकार के खिलाफ हैं।

मोदी सरकार के खिलाफ सबसे ज्यादा गुस्सा दलित और आदिवासी समुदाय के लोगों में दिख रहा है। 55 फीसदी दलित और 43 फीसदी आदिवासी नहीं चाहते हैं कि मोदी को एक बार फिर से साल 2019 में मौका मिले।

वर्तमान सरकार को ओबीसी समुदाय में भी काफी विरोध दिख रहा है। सर्वे में 42 फीसदी ओबीसी नहीं चाहते हैं कि मोदी दुबारा सत्ता में आए। जब लोगों से ये पूछा गया कि अगर अभी लोकसभा के चुनाव हुए तो क्या वे बीजेपी को वोट देंगे? 32 फीसदी का जवाब हां था।