बैंकिंग डिफाल्टरों और घोटाले बीच आईडीबीआई बैंक की हिस्सेदारी बिकने की खबर पर विपक्ष बौखला गया है। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के नेता सीताराम येचुरी ने शनिवार को नरेंद्र मोदी सरकार पर जोरदार हमला बोला।
उन्होंने कर्जदार आईडीबीआई बैंक में 51 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने की एलआईसी की योजना को आईआरडीएआई द्वारा मंजूरी प्रदान करने को लेकर निशाना साधा।
STOP MISUSE OF LIC: LIC is the repository of people’s savings in the form of insurance policies. Using this capital to bailout the worst defaulter bank is tantamount to public loot of people’s savings. Full statement: https://t.co/pSBoTFiyLP pic.twitter.com/0jvdOg77nx
— Sitaram Yechury (@SitaramYechury) June 30, 2018
येचुरी ने आरोप लगाया कि सरकार नियामक तंत्र को नष्ट कर रही है और मित्रवाद का सबसे गंदा उदाहरण पेश कर रही है। माकपा नेता ने कहा कि एलआईसी का पैसा जनता का पैसा है और उन्होंने सरकार पर जनता के पैसों का दुरुपयोग कर अमीर डिफाल्टरों को राहत देने का आरोप लगाया।
Bailing out rich defaulters, by diverting peoples’ money. LIC is public money. Why no recovery of loans from rich defaulters? Cronyism of the worst kind by this Modi govt. Rich can loot and scoot, the common Indian will pay back their loans. #Cronyism #PublicMoneyLoot pic.twitter.com/FDDsyI3qAE
— Sitaram Yechury (@SitaramYechury) June 30, 2018
सीताराम येचुरी ने ट्विटर पर लिखा कि लोगों के पैसों का उपयोग कर अमीर डिफाल्टरों को राहत दी जा रही है। एलआईसी में जनता का पैसा है। अमीर डिफाल्टरों से ऋण की वसूली क्यों नहीं हो रही? मित्रवाद इस मोदी सरकार की सबसे बुरी चीज है। अमीर लूटकर भाग जाते हैं, और उनके कर्ज आम जनता को चुकाने पड़ते हैं।
This says it all: in Black & White. #Corruption #Cronyism pic.twitter.com/0sK9yzscJL
— Sitaram Yechury (@SitaramYechury) June 30, 2018
माकपा नेता ने कहा कि एलआईसी को बैंकिंग में नहीं आना चाहिए। उसे अचानक नियमों में बदलाव कर ऐसा करने के लिए मजबूर किया जा रहा है। रेगुलेटरी सिस्टम को मोदी सरकार द्वारा धवस्त किया जा रहा है, ताकि डिफाल्टरों को अपना कर्ज चुकाना न पड़े। क्या चल रहा है?
डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपए ने अबतक के रिकॉर्ड निचले स्तर को छूने को लेकर भी येचुरी ने सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि रुपया अबतक के निचले स्तर पर पहुंच गया है, अप्रबंधनीय एनपीए के लिए एलआईसी द्वारा आईडीबीआई को राहत और गुप्त स्विस बैंक खातों में भारतीयों द्वारा जमा 2017 में 50 प्रतिशत की वृद्धि। आईसीयू में कौन है मोदीजी। अर्थव्यवस्था, राजग या फिर अच्छे दिन?”