मोदी सरकार जब से सत्ता में आई है , RSS शाखाओं में दोगुनी वृद्धि हुई है : RSS

नागौर। आरएसएस की संस्था अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की मीटिंग शुक्रवार से नागौर में शुरू हो गई। तीन दिनों के इस  मीटिंग  के पहले दिन देश की दशा और दिशा पर मंथन हुआ। एक न्यूज़ पोर्टल के अनुसार आरएसएस के सह सर कार्यवाह डॉ. कृष्णगोपाल ने बताया कि केन्द्र में जब से मोदी सरकार सत्ता में आई है, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की शाखाओं में जबरदस्त वृद्धि हुई है। पिछले एक साल में संघ की शाखाएं दोगुनी तेजी से बढ़ी हैं। इसका खुलासा खुद संघ के सह सर कार्यवाह डॉ. कृष्णगोपाल ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में किया है।

उनके अनुसार वर्ष 2012 में संघ की 40 हजार 922 शाखाएं हुआ करती थीं, वहीं वर्ष 2015 में यह बढ़कर 51 हजार 335 हो गईं। 2016 तक संघ की शाखाएं बढ़कर 56 हजार 859 पहुंच गई हैं। पिछले एक साल में 5 हजार 524 शाखाओं की वृद्धि हुई हैं। शाखाओं में शामिल नहीं होने वाले स्वयं सेवकों के लिए आयोजित साप्ताहिक मिलन शाखाएं भी 2015 में 12 हजार 847 से बढ़कर 2016 में 13 हजार 784 हो गईं हैं। संघ की 9 ‘ शाखाएं 40 वर्ष से अधिक आयु के स्वयंसेवकों की है, जबकि 25 प्रतिशत व्यापार, नौकरी व अन्य पेशे से जुड़े तरुण। सबसे अधिक 65.5 ‘ शाखाओं में विद्यार्थी शामिल होते हैं। हर माह 8000 युवा जुड़ रहे संघ से 2011 में संघ से जुडऩें वाले लोगों की संख्या 354 प्रतिमाह थी, 2012 में यह आंकड़ा 1000, 2013 में 2500, 2014 मेंं 7000 और 2015 में युवाओं की संघ से जुडऩे की संख्या 8000 प्रतिमाह पहुंच गई थी। आरएसएस एक कुआं, एक मंदिर और एक श्मशान को गति देने की पूरी तैयारी में है। संघ ने केंद्र सरकार से कहा है कि वह विश्वविद्यालयों में राष्ट्रविरोधी गतिविधियों को सख्ती से काबू में करे। सवाल उठाया कि जेएनयू में देश तोडऩे के नारे कैसे बर्दाश्त किए जा सकते हैं। संसद को उड़ाने की साजिश रचने वाले को शहीद कैसे बताया जा सकता है? एक सक्षम और मजबूत सरकार का दायित्व है कि वह जनता में सुरक्षा का विश्वास कायम रखे। संघ अंबेडकर की 120वीं जयंती, संघ के पूर्व सरसंघचालक बाला साहेब देवरस के जन्म शताब्दी, दक्षिण के संत रामानुजाचार्य के 1000वें जन्मदिवस और दीनदयाल उपाध्याय के 100वें जन्मदिवस को ध्यान में रखकर पूरे साल सामाजिक समरसता का कार्य करेगा। नागौर में राष्ट्रीय स्वयसेवक संघ के अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की बैठक में शुक्रवार को राजस्थान की मुख्यमंत्री ने हाजरी लगाई। मुख्यमंत्री लगभग डेढ घंटे शारदापुरम में रहीं।

एक समाचार एजेंसी के अनुसार संघ सूत्रों ने बताया कि गुरुवार को नागौर पहुचीं सीएम ने उसी दिन संघ के पदाधिकारीयों से मिलने का समय मांगा था लेकिन समय नहीं मिला। शुक्रवार को बैठक स्थल पर उनकी संघ पदाधिकारीयों से मुलाकात हुई।