महाराष्ट्र में पड़ रहे भीषण सूखे पर बातचीत अभिनेता नाना पाटेकर ने कहा है कि मैं किसानों का दर्द साफ महसूस कर सकता हूँ। उन्होंने कहा कि सूखा पीड़ित इलाकों से बड़े पैमाने पर लोग का शहरों में जा रहें है और अगर कोई आपकी कार की खिड़की पर आए तो उनसे भिखारियों जैसा सलूक न करें क्यूंकि वे किसान हैं कोई भिखारी नहीं। इसके साथ ही उन्होंने कहा वे मजबूर हैं। उन्हें खाना, पानी और शौचालयों की जरूरत है। आने वाले दो महीने बहुत ही मुश्किल भरे होने वाले हैं। अगर सरकार इस पर पहले ही ध्यान देती तो आज ये नौबत देखने को न मिलती और वाटर ट्रेन भेजने की जरूरत नहीं होती। एक आम आदमी के तौर पर हम भी और हमारे नेता भी इस मामले में फेल हुए हैं।
सूखे को लेकर लोग बहुत बड़ी मुश्किल में है। लेकिन उन्होंने यह पहली बार नहीं देखा है। लोगों को सिस्टम पर सवाल जरूर उठाना चाहिए। चुप रहना एक अपराध है। हर रोज किसान आत्महत्या क्र रहें है और हम अंधे नहीं हैं जो मर रहे लोगों को नहीं देख सकते