मोदी सरकार ने स्वीकारा, देश में बढ़ रही है लगातार बेरोजगारी की दर

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश में रोजगार के अवसर पैदा करने के कितना भी दावा कर लें कि, लेकिन सच्चाई कुछ और ही बयां कर रही है. न्यूज़ 18 इंडिया के मुताबिक, केंद्र सरकार ने राज्यसभा में आज स्वीकार किया कि देश में बेरोजगारी दर में इजाफा हो रहा है, लेकिन सिर्फ पिछड़े वर्ग में. जो कि मौजूदा हालात के हिसाब से काफी नहीं है.

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बता दें कि योजना राज्य मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने प्रश्नकाल के दौरान एक सवाल के जवाब में दबे लहजे में कहा कि कुल मिलाकर बेरोजगारी दर में इजाफा हुआ है, लेकिन यह दर अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए अधिक है, जो कि मौजूदा हालात के हिसाब से काफी नहीं है. उन्होंने कहा कि विभिन्न सामाजिक समूहों के बीच सूचकांकों में अंतर का मुख्य कारण गरीबी, निरक्षरता, मजदूरी श्रम पर निर्भरता आदि हैं, और सरकार विभिन्न सामाजिक, आर्थिक विकास कार्यक्रमों के माध्यम से इनका समाधान करने का प्रयास कर रही है.


इसके अलावा उनहोंने बताया कि कुल बेरोजगारी दर पांच फीसदी है, जबकि यह ओबीसी के लिए 5.2 फीसदी है. साल 2013 में बेरोजगारी दर 4.9 फीसदी, 2012 में 4.7 फीसदी तथा 2011 में 3.8 फीसदी थी. अनुसूचित जाति में यह दर साल 2011 में 3.1 फीसदी थी, जो अब बढ़कर पांच फीसदी हो गई है.
वहीं, जनगणना के आंकड़ों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि अनुसूचित जातियों और जनजातियों के साक्षरता की कुल दर 74 प्रतिशत है.