मोदी सरकार हर स्तर पर देश की जनता की नज़रों में अभी तक ’सफेद झूठ’ बोलने वाली सरकार ही साबित हुई है: मायावती

लखनऊ: केन्द्र में बीजेपी की सरकार को अब चार वर्ष पूरे हो चुके हैं जिनके चार वर्षों का कार्यकाल पूरा करने के सम्बन्ध में यह स्पष्ट है कि देश के समस्त ग़रीबों, मज़दूरों, बेरोज़गारों, किसानों व अन्य मेहनतकश लोगांे पर आधारित देश की लगभग सवासौ करोड़ आमजनता के जीवन को प्रभावित करने वाली ज़बर्दस्त महँगाई, ग़रीबी, बेरोज़गारी तथा आम-जनजीवन में सुख व शान्ति प्रदान करने के जनहित व जनकल्याण के मामले में यह सरकार वास्तव में ऐतिहासिक तौर पर बहुत बुरी तरह से विफल व नाकाम सरकार ही साबित हुई है।

वैसे तो बीजेपी व प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी स्वयं भी अपने हर काम को ’’ऐतिहासिक’’ क़रार देते रहते हैं और शायद यही कारण है कि इनके कार्यकाल में पेट्रोल व डीज़ल की कीमत ऐतिहासिक स्तर पर पूरे देश भर में इतनी ज़्यादा बढ़ गयी है कि अब इससे जनता काफी ज्यादा तड़फ उठी है जिसको इनको कम करना अत्यन्त ज़रुरी है वरना फिर हमारी पार्टी भी इसके विरुद्ध पूरे देशभर में धरना- प्रदर्शन आदि करने के लिये मजबूर हो जायेगी।

इसके साथ ही देश में ग़रीबी, बेरोज़गारी, महँगाई व भ्रष्टाचार तथा लोगांे के जीवन में हर प्रकार की हिंसा व तनाव का स्तर भी इस बीजेपी सरकार में ऐतिहासिक स्तर पर काफी ज़्यादा बढ़ गया है। इसके साथ-साथ सर्वसमाज में से ख़ासकर दलितों, आदिवासियों, पिछड़े वर्गों, मुस्लिम व अन्य धार्मिक अल्पसंख्यक समाज के लोगों के ऊपर हर स्तर पर हो रहे अन्याय व अत्याचार भी इस सरकार में ऐतिहासिक तौर पर काफी ज़्यादा बढ़े है।

इसके इलावा, इनकी ग़लत आर्थिक नीतियों के तहत् ख़ासकर नोटबन्दी व जी.एस.टी. को लेकर, इनके लिये गये अपरिपक्व फैसले से देश में ग़रीबी, महँगाई व बेरोजगारी भी ऐतिहासिक तौर पर बड़े पैमाने पर बढ़ी है तथा रुपये की कीमत भी ऐतिहासिक तौर पर अब आये दिन नीचे ही गिरती चली जा रही है जो यह सब सर्वविदित है और इन सबके बारे में किसी को भी अब ज़्यादा बताने की ज़रुरत नहीं है और इनसब के लिये बीजेपी व श्री नरेन्द्र मोदी सरकार की ग़लत आर्थिक नीतियाँ व ग़लत कार्यशैली ही पूरे तौर से जिम्मेवार है।

इसके साथ ही इन्होंने अपनी विपक्षी पार्टियों को कमज़ोर करने के लिए सरकारी मशीनरी का भी दुरुपयोग ऐतिहासिक तौर पर ख़ूब किया है। ऐसी स्थिति में मोदी सरकार को अपने सरकार के चार वर्ष पूरा होने पर जश्न मनाने का और उस जश्न पर अरबों-खरबों रुपये खर्च करने का कोई भी अधिकार नहीं बनता है जबकि सरकार को उस धन को वास्तव में जनहित व जनकल्याण के कार्यांे पर ही खर्च करना चाहिये।

अब संक्षेप में यही कहना है कि मोदी सरकार हर स्तर पर देश की जनता की नज़रों में अभी तक ’सफेद झूठ’ बोलने वाली सरकार ही साबित हुई है। इसके साथ ही इस सरकार ने अपने पूँजीवादी व तानाशाही निर्णयों के माध्यम से अपने पिछले चार वर्षों के कार्यकाल में यहाँ कि ग़रीब व मेहनतकश जनता को खूब छला भी है जबकि वास्तव में यह सरकार केवल यहाँ मुट्ठीभर बड़े-बडे़ पूंजीपतियों व धन्नासेठों के आगे ही नतमस्तक व दण्डवत् रही है जिससे देश की बैंकिग व अर्थव्यवस्था भी अब पटरी से उतरने के कगार पर खड़ी हो गयी है, जिसकी वजह से देश की जनता काफी ज्यादा चिन्तित है कि बैंकों में उसका पैसा सुरक्षित भी है कि नहीं?

इसके इलावा देश में हर जगह जीवन के हर क्षेत्र में छाई हुई व्यापक अव्यवस्था व अराजकता इस बात का प्रमाण है कि बीजेपी के राज का मतलब जंगलराज बन गया है और अब यहाँ बीजेपी एण्ड कम्पनी व आर.एस.एस. वालों के लिये संविधान व क़ानून का अनुपालन करने का कोई मायने नहीं रह गया है और अब उन्हें हर प्रकार की अनर्गल बयानबाजी व हर प्रकार के आपराधिक व गै़र-क़ानूनी कार्य करने की छूट दे दी गयी है।

इसके साथ ही कठुआ व उन्नाव की नाबालिग किशोरी के साथ हुये बलात्कार के मामले को भी बीजेपी द्वारा अपने सत्ता के बल पर दरकिनार करने का भी असफल प्रयास लगातार किया गया है जो महिला सम्मान के मामले में बीजेपी के चाल, चरित्र व चेहरे आदि को पूरी तरह से दर्शाता है। वास्तव में मोदी सरकार में देश की ग़रीब व मेहनतकश आमजनता व महिलाओं का जितना ज़्यादा शोषण व अत्याचार हुआ है वह इससे पहले यहाँ कभी भी देखने को नहीं मिला है। इनकी चोरी व ऊपर से सीनाजोरी भी देश के आधुनिक इतिहास में अभूतपूर्व व अप्रायशित दोनों ही है।

इतना ही नहीं बल्कि बीजेपी व प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की सरकार की घोर वादाख़िलाफी के कारण अब इनके भरोसे व प्रभाव में भारी कमी होने से सरकार का रुतबा भी काफी जाता रहा है और अब इनके ही लोग अपने नेताओं की एक नहीं सुन रहे हैं। यह बीजेपी सरकार की उलटी गिनती शुरू होने का ख़ास संकेत भी है।

इसके साथ ही इनके एन.डी.ए. के सहयोगी दल भी अब एक-एक करके पहले से ही अलग होते जा रहे हैं जो अपने आप में यह बहुत कुछ साबित करता है कि बीजेपी के एन.डी.ए. सरकार का चार वर्षों का कार्यकाल हर स्तर पर अत्यन्त ही विफल व निराशाजनक रहा है।