मोदी से डरे नीतीश-लालू ने बनाई अक़लियत से दूरी!

पटना : लगता है मोदी लहर के डर ने न सिर्फ मुखालफ़ीन लालू यादव और नीतीश कुमार को करीब ला दिया है, बल्कि उन्हें अपनी “अक्लियत सियासत” से दूरी बनाने को मजबूर भी कर दिया है। जेडीयू और आरजेडी के इत्तिहाद ने बिहार एसेम्बली जिमनी इंतिख़ाब में किसी मुस्लिम कैंडिडैट को टिकर नहीं दिया था। इतना ही नहीं दोनों लीडरों ने इस बार ईद सेलिब्रेशन तकरीब से भी कन्नी काट ली थी। लालू और नीतीश इस पॉलिसी को लोकसभा इंतिख़ाब में बीजेपी के हिमायत में हुये हिन्दू पोलराइजेशन का नतीजा माना जा रहा है।

बिहार में 21 अगस्त को 10 एसेम्बली सीटों के लिए इंतिख़ाब हुये थे। इन इंतिख़ाब में आरजेडी और जेडीयू साथ लड़ रहे थे लेकिन उन्हें किसी मुस्लिम लीडर को उम्मीदवार में नहीं उतारा था। इसके अलावा दोनों पार्टिया अब अक़लियतों के मुफाद की बात करने के लिए “अक़लियत” लफ्ज का इस्तेमाल से भी बच रहे हैं। जानकारों के मुताबिक, उन्हें डर है की कहीं अक़लियतों की बात करने पर और हिन्दू वोटर बीजेपी के हिमायत में न चले जाएँ।

एक सियासी माहीर के मुताबिक, नीतीश और लालू अब कुछ ऐसा नहीं करेंगे जिससे हिन्दू वोट बीजेपी के तरफ शिफ्ट हो। आप कह सकते हैं की मोदी की ताक़त से निपटने के लिए उन्हें खुद को मोड़ीफ़ायड कर लिया है।