साबिक़ वजीरे आला जीतन राम मांझी ने जुमेरात को वजीरे आजम नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की, तो उनके भाजपा में शामिल होने से लेकर बिहार में नए इंतिखाबी समीकरण और इसके असर तक पर चर्चा चल पड़ी। हालांकि मांझी ने वाजेह किया कि वे भाजपा में शामिल नहीं हो रहे हैं।
उनका ‘हम’ अपने बूते इंतिख़ाब लड़ेगा। हां, लालू प्रसाद अगर उनको वजीरे आला ओहदे का उम्मीदवार बनाएं और नीतीश का साथ छोड़ें तो वे लालू के साथ आ सकते हैं। फिर इस शर्त के सिलसिले में खुद ही हालत वाजेह भी कर दी। बोले, ‘न नौ मन तेल होगा और न राधा नाचेगी।’भाजपा के साथ इंतिखाबी इत्तिहाद के सवाल पर उन्होंने कुछ नहीं कहा। बोले, ‘मैं तो वजीरे आजम से बिहार के किसानों की हालत के बारे में बात करने आया था। उनसे रियासत में धान खरीदी में गड़बड़ी की सीबीआई जांच की मांग भी की है।’ पीएम को बताया कि रियासत में किसान ख़ुदकुशी कर रहे हैं। मोदी ने तमाम मामले पर गौर करने का यकीन दिया।
मांझी ने कहा, ‘लालू और नीतीश के बीच तालमेल की इमकान नहीं है। क्योंकि राजद वोटर नीतीश को हिमायत नहीं देंगे। वहीं नीतीश का ज्यादा असर नहीं है। जहां तक इंतिख़ाब के बाद का सवाल है तो मैं उस इत्तिहाद में जाऊंगा, जिसमें नीतीश नहीं होंगे।’
इधर लालू का ट्वीट- इत्तिहाद होना ही है, बड़े कुर्बानी के लिए तैयार रहें राजद-जदयू लीडर
लालू प्रसाद ने ट्वीट किया कि इत्तिहाद तो होना ही है। राजद और जदयू को बड़े कुर्बानी के लिए तैयार रहना है। खरौंट ज़ाती के चूहे के बिल में पानी डालने से वो पूंछ उठाकर तेजी से हड़बड़ा कर भागता है, भाजपाई बिहार में ऐसे ही भाग रहे हैं। मुख्तार अब्बास नकवी के मुतनाज़ा बयान पर कहा, वे भाजपा के पे-रोल पर हैं। जिस दिन कम्युनल बात नहीं बोलेंगे, उन्हें बाहर निकाल दिया जाएगा।