पटना 09 अगस्त:मर्कज़ी वज़ीर-ए-क़लीयाती उमूर नज्म हेप्तुल्लाह ने कहा के वज़ीर-ए-आज़म नरेंद्र मोदी हो सकता हैके टोपी पहनने से गुरेज़ करते हूँ या फिर इफ़तार की दावतों में शिरकत नहीं करते हूँ लेकिन उनकी हुकूमत पूरी संजीदगी के साथ अक़लियती बिरादरीयों को रोज़गार फ़राहम करने और अस्बाबे ज़िंदगी फ़राहम करने की कोशिश कर रही है जो काम माज़ी की हुकूमतों ने नहीं किया है।
उन्होंने अख़बारी नुमाइंदों से बातचीत करते हुए कहा कि माज़ी में हर किसी ने टोपी पहनी है लेकिन वज़ीर-ए-आज़म नरेंद्र मोदी की हुकूमत वो पहली हुकूमत है जो टोपी की बजाये अक़लियती बिरादरीयों को रोटी फ़राहम करने के लिए संजीदगी से काम कर रही है।
नज्म हेप्तुल्लाह ने असेंबली चुनाव से पहले बिहार में नई मंज़िल स्कीम का इफ़्तेताह अंजाम दिया। बिहार असेंबली चुनाव में मुसलमानों के वोट हासिल करने की कोशिश है।
नज्म हेप्तुल्लाह ने हाल ही में सदर जमहूरीया परनब मुखर्जी की तरफ से मुनाक़िदा दावत इफ़तार में वज़ीर-ए-आज़म नरेंद्र मोदी की अदम शिरकत को ज़्यादा एहमीयत देने से गुरेज़ किया। उन्होंने कहा कि हक़ीक़त ये हैके दौलत मंदों की तरफ से इफ़तार की जो दावतें दी जाती हैं वो दर असल फ़ोटो ईवंट होती हैं।
उन्होंने सवाल किया कि क्या किसी की तरफ् से भी इस तरह की इफ़तार की दावत ग़रीबों की बस्ती में मुनाक़िद की जाती है ?। कांग्रेस पर सख़्त तन्क़ीद करते हुए उन्होंने कहा कि इस पार्टी के क़ाइदीन ने टोपी पहनी और सच्चर कमेटी रिपोर्ट दी लेकिन इस की एक भी सिफ़ारिश पर संजीदगी से अमल नहीं किया गया ताके अक़लियतों की सूरत-ए-हाल को बेहतर बनाया जा सके।
दूसरी तरफ नरेंद्र मोदी हुकूमत ने इक़तिदार सँभालने के बाद अक़लियतों से सात वादे किए और जिन छः वादों का वज़ारत अक़लियती उमूर से कोई ताल्लुक़ रहा है उनको पूरा कर दिया गया है।
नई मंज़िल स्कीम के ताल्लुक़ से उन्होंने कहा कि ये भी वज़ीर-ए-आज़म मोदी का एक वादा था जिसे पूरा कर दिया गया है। इस स्कीम के तहत स्कूल ना जानेवाले या स्कूल तर्क कर देने वाले बच्चों की और मदरसों की मदद हो सकेगी जहां रस्मी 12 वीं जमात और 10 वीं जमात के सर्टिफिकेट दिए जाऐंगे जिससे ये मुलाज़िमतें हासिल करपाऐंगे।