वज़ीर ए आज़म नरेंद्र मोदी के हलफ बरदारी की तकरीब का बाईकाट करने वाली उनकी पुरानी और करीबी दोस्त तमिलनाडु की सीएम जयललिता आंइदा 3 जून को दिल्ली आ रही है | चर्चा है कि अन्नाद्रमुक चीफ जयललिता मरकज़ की एनडीए हुकूमत में शामिल होने के बारे में बीजेपी के साथ बातचीत कर रही हैं |
ज़राये का कहना है कि बीजेपी लीडर तमिलनाडु की 39 लोकसभा सीटों में से 37 पर जीत दर्ज करने वाली अन्नाद्रमुक चीफ जय ललिता के मुसलसल राबिते में हैं |
इससे पहले जयललिता और मगरिबी बंगाल की वज़ीर ए आला ममता बनर्जी के बीच अन्नाद्रमुक और टीएमसी के एमपी का एक ब्लॉक बनाने के बारे में चर्चा हुई थी | सियासी जानकारों का मानना है कि यह चर्चा बेहद मंसूबाबंद तरीके से मुनाकिद की गई थी ताकि ममता का नरेद्र मोदी के बारे में रुख समझे और जरूरत पड़ने पर बदला भी जा सके _
इसी तरह लोकसभा इंतेखाबात से दो महीने पहले जयललिता ने कम्यूनिस्ट पार्टियों से इंतेखाबी समझौता किया था और उन्हें किसी भी मुम्किना मोर्चे में जाने से कामयाबी से रोकते हुए इलेक्शन से ऐन पहले समझौता तोड़ दिया था | इस बारे में भी तजज़ियाकारों का मानना है कि यह मोदी की मदद करने के मकसद से की गई कवायद थी |
3 जून को होने वाली मुलाकात के बारे में रियासती हुकूमत की तरफ से जारी रिलीज में कहा गया है कि सीएम जयललिता वज़ीर ए आज़म को मुलाकात के दौरान एक मेमोरंडम सौंपेंगी | रियासत के लिए मरकज़ से राहत पैकेज की जयललिता की मांग समेत कई मुद्दों की ओर इशारा देते हुए रिलीज (Release) में कहा गया, इस मेमोरंडम में तमिलनाडु से जुड़े कुछ अहम मुद्दे शामिल होंगे, जो हुकूमत ए हिंद के पास ज़ेर ए गौर पड़े हुए हैं.
उन्होंने सबसे पहले यह मुद्दा विधानसभा इंतेखाबात जीतने के बाद साबिक पीएम मनमोहन सिंह के सामने साल 2011 में उठाया था और उसके बाद से वह इस मांग के लिए दबाव बनाती रही हैं | रिलीज़ ( प्रेस नोट) में कहा गया कि मेमोरंडम में कुछ ऐसे मुद्दों को भी निशानज़द किया जाएगा, जिन पर रियासत को तरक्की के रास्ते पर आगे बढ़ाने के लिए मरकज़ की तरफ से फौरन ध्यान दिया जाना जरूरी है |
जयललिता 26 मई को मोदी के हलफ बरदारी की तकरीब में शामिल नहीं हुई थीं उन्होंने श्रीलंकाई सदर महिंदा राजपक्षे की मौजूदगी की मुखालिफत करते हुए हलफ बरदारी की तकरीब का बाईकाट कर दिया था |