दारुल-हकूमत दिल्ली के मशरिक़ी और शुमाल मशरिक़ी जिला के मुख़्तलिफ़ हिस्सों में कई राय दहन्दों को महज़ इस लिए वोट डालने की इजाज़त नहीं दी गई कि वो अपने साथ मोबाईल फ़ोन लाए थे।
पोलिंग बूथ से उन्हें वोट डाले बगैर ही वापिस करदिया गया। राय दहनदों ने कहा कि कई पोलिंग स्टेशनों पर मोबाईल फ़ोन रखने के इंतिज़ामात नहीं थे इस लिए उन्हें पोलिंग बूथ से अपने घरों को जाकर फ़ोन रखना पड़ा, इससे उन्हें मायूसी हुई। त्रिलोक पूरी के एक वोटर ने बताया कि में यहां पर वोट डालने केलिए दूसरी मर्तबा पोलिंग बूथ आना पड़ा क्यो कि मोबाईल फ़ोन के साथ उन्हें अहाता में दाख़िल होने की इजाज़त नहीं दी गई।
इस सिलसिला में हुक्काम ने पहले से इत्तिला भी नहीं दी। कई राय दहन्दों को ये मालूम भी नहीं था कि पोलिंग स्टेशन के अंदर मोबाईल फ़ोन ले जाना मना है। चंद पोलिंग स्टेशनों पर ही मोबाईल फ़ोन रखने का इंतिज़ाम किया गया था। दिल्ली चीफ इलेक्टोरल ऑफीसर ने दावा किया है कि ओहदेदारों ने वाज़िह तौर पर हिदायत दी थी कि वो पोलिंग स्टेशनों को अपने मोबाईल फ़ोन ना लाएं।