कराची ४ फरवरी (एजैंसीज़) असपाट फिक्सिंग के इल्ज़ाम में सज़ा याफ़ता पाकिस्तानी फ़ासट बोलर मोहम्मद आमिर 6 माह की सज़ा काटने के बाद रिहा होगए हैं ताहम क्रिमिनल केस में एतराफ़-ए-जुर्म के बाद इस बात के इमकानात बहुत कम हैं कि 19 साला बोलर को खेलों की आलमी सा लस्सी अदालत में समाअत के बाद बैन अल-अक़वामी क्रिकेट खेलने की इजाज़त मिल सकी। आई सी सी ट्रब्यूनल ने मोहम्मद आमिर पर पाँच साल की पाबंदी लगा रखी है लिहाज़ा 2015-ए-से क़बल उन की बैन-उल-अक़वामी क्रिकेट में वापसी इंतिहाई मुश्किल दिखाई देती ही।
मोहम्मद आमिर पर 5 साल के लिए बैन-उल-अक़वामी क्रिकेट के दरवाज़े बंद हैं। उन्हों ने अपनी पाँच साला पाबंदी के ख़िलाफ़ लूज़ इन में खेलों की आलमी सा लस्सी अदालत से रुजू कररखा है इन का मुक़द्दमा ज़ेर-ए-इलतिवा ही। ज़राए के मुताबिक़ दोहा में आई सी सी ट्रब्यूनल के सामने समाअत के दौरान मोहम्मद आमिर ने कहा था कि वो बे क़सूर हैं और उन्हों ने कोई ग़लत काम नहीं किया ताहम बर्तानवी अदालत में क्रिमिनल केस की समाअत के दौरान मोहम्मद आमिर ने जज के सामने एतराफ़ किया था कि उन्हों नी010-ए- के लारडज़टसट मैं दानिस्ता तौर पर नौ बाल करने का मंसूबा बनाया था।बावसूक़ ज़राए के मुताबिक़ आई सी सी ऐन्टी कुरप्शन कोड में ये बात वाज़िह है कि अगर कोई ग़ैर मुताल्लिक़ा शख़्स किसी की वफ़ादारी ख़रीदने की कोशिश करता है तो खिलाड़ी पर लाज़िम है कि वो उस की इत्तिला आई सी सी ऐन्टी कुरप्शन यूनिट कोकरी, रिपोर्ट ना करने की पादाश में इस खिलाड़ी को दो साल की सज़ाहो सकती ही।
मोहम्मद आमिर 8साल की उम्र पार कर चुके हैं इस लिए उन पर बच्चों के क़वानीन का इतलाक़ नहीं होता ताहम अब भी उन की उम्र 9 साल है यही वो नुक्ता है जिस का फ़ायदा उन्हें मिल सकता ही,कम उमर पर सज़ाकम होसकती है ताहम ग़लतबयानी करने पर इन का केस कमज़ोर हो चुका ही