मोहाली टेस्ट : भारत आठ विकेट से जीत हासिल की, जीत के हीरो रहे रवींद्र जडेजा

मोहाली : मोहाली टेस्ट में भारत ने इंग्लैंड को आठ विकेट से हरा दिया है. चौथे दिन भारत को जीत के लिए 103 रनों की ज़रुरत थी जो उसने बहुत ही आसानी के साथ केवल दो विकेट खोकर बना लिए. मोहाली में मैच ख़त्म होने के समय पार्थिव पटेल 67 और कप्‍तान विराट कोहली छह रन बनाकर क्रीज़ पर थे. भारत को दूसरी पारी में जीत के लिए 103 रनों की ज़रूरत थी, जो उन्होंन दो विकेट के नुक़सान पर बना लिए. भारत की जीत के हीरो रहे हैं रवींद्र जडेजा, जिन्होंने न सिर्फ़ बल्ले से बल्कि गेंद से भी कमाल दिखाया है. इंग्लैंड की पहली पारी में रवींद्र जडेजा ने दो विकेट लिए और भारत की पहली पारी में सर्वाधिक 90 रन बनाए.

इंग्लैंड पहली पारी: 283, भारत पहली पारी: 417
इंग्लैंड दूसरी पारी: 236, भारत दूसरी पारी: 104/2

इससे पहले मंगलवार को ही इंग्लैंड ने अपनी दूसरी पारी में चार विकेट पर 78 रन के स्कोर से आगे खेलना शुरू किया, और चाय से पहले इंग्लैंड की पूरी टीम 236 रन पर पैवेलियन लौट गई. सोमवार को खेल ख़त्म होते समय रूट 36 रन बनाकर और बैटी शून्य के स्कोर पर खेल रहे थे. इंग्लैंड ने अपनी पहली पारी में 283 रन और भारत ने 417 रन बनाए थे. इसके पहले राजकोट में खेला गया पहला टेस्ट ड्रा हो गया था तो विशाखापत्तनम में खेले गए दूसरे टेस्ट मैच में भारत ने इंग्लैंड को 246 रन से मात दी थी.

पिछले कुछ समय से अपने प्रदर्शन को लेकर जूझ रहे रवींद्र जडेजा के लिए मोहाली टेस्ट काफ़ी राहत देने वाला साबित हुआ है. इंग्लैंड के ख़िलाफ़ पहले दो टेस्ट मैचों में जडेजा ने छह विकेट तो लिए लेकिन बल्ले से वे कोई ख़ास कमाल नहीं कर पाए. पहले टेस्ट में उन्होंने दोनों पारियों में कुल 44 रन बनाए थे, जबकि दूसरे टेस्ट में उन्होंने सिर्फ़ 14 रन ही बनाए थे. रवींद्र जडेजा का जन्म 6 दिसंबर 1988 को हुआ था. 2006 के विश्व कप में वे अंडर-19 टीम का हिस्सा थे, जो पाकिस्तान से हार गई थी. लेकिन 2008 में टीम चैम्पियन बनी और जडेजा ने पूरी प्रतियोगिता में अच्छा प्रदर्शन किया.

2008 में ही जडेजा को पहले आईपीएल के दौरान राजस्थान रॉयल्स की टीम में जगह मिली और जडेजा ने यहाँ अच्छा प्रदर्शन किया. राजस्थान रॉयल्स ने पहले आईपीएल का ख़िताब भी जीता. घरेलू क्रिकेट में भी वे बेहतरीन प्रदर्शन कर रहे थे. इसी कारण उन्हें 2009 में भारतीय वनडे टीम का हिस्सा बनने का मौक़ा मिला. 23 टेस्ट और 126 एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैच खेल चुके रवींद्र जडेजा का भारतीय टीम में चयन एक ऑल राउंडर के रूप में हुआ था. लेकिन जब 2012-13 में उन्हें टेस्ट टीम में जगह मिली, तो इस पर काफ़ी सवाल भी उठे. लेकिन ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ टेस्ट सिरीज़ में उन्होंने माइकल क्लार्क को छह पारियों में पाँच बार आउट करके सबका दिल जीत लिया.