मो. अली ने की ऐतिहासिक मंदिर की मरम्मत, नमाज के बाद करते हैं मां दुर्गा की भक्ति

लखनऊ: उत्तर प्रदेश बहराइच के घूरदेवी में दुर्गा मां का मंदिर सांप्रदायिक सद्भाव की मिसाल बना हुआ है. इस मंदिर का जीर्णोद्धार एक मुस्लिम शख्स मोहम्मद अली ने कराया है. इतना ही नहीं मोहम्मद अली ने मां के मंदिर के निकट ही हनुमान मंदिर का निर्माण भी शुरू कर दिया है.

ऐसा नहीं है कि मोहम्मद अली ने अपना धर्म छोड़ दिया हो, वह नमाज भी पढ़ते हैं और दुर्गा मां की भक्ति भी करते हैं. वह रोजाना सुबह फज्र की नमाज पढ़कर मंदिर की साफ-सफाई और मां की पूजा-आरती करते हैं. वे नवरात्रि में व्रत भी रखते हैं. वह दस सालों से दुर्गा मां के भक्त हैं. मोहम्मद अली का कहना है कि उन्हें मां दुर्गा ने सपने में आकर मंदिर के जीर्णोद्धार का निर्देश दिया था. गरीब परिवार में जन्मे और पेशे से दर्जी का काम करने वाले मोहम्मद अली के लिए यह बड़ी चुनौती थी, क्योंकि दिन-रात कड़ी मशक्कत के बाद वह बमुश्किल अपने और परिवार के लिए दो वक्त की रोटी का इंतजाम कर पाते थे, लेकिन उनके दिल में मां के निर्देश का पालन करने की प्रबल इच्छा थी. उनका कहना है कि आर्थिक तंगी होसलों के आगे कोई मायने नहीं रखती.

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ETV के अनुसार,इसके लिए उन्होंने अपने काम से फुरसत निकाल कर गांव-गांव जाकर लोगों से चंदा मांगना शुरू किया. रकम इकट्ठा कर अली ने मंदिर का जीर्णोद्धार कराया. इस काम से बच गई रकम को मां के नाम से खाता खुलवा कर बैंक में जमा कर दिया. इस समय उनके खाते में करीब पांच लाख रुपये हैं. उन बचे रुपयों से उन्होंने अब मंदिर परिसर में हनुमान मंदिर का निर्माण शुरू कर दिया है. उनका कहना है कि जल्द ही मंदिर का निर्माण पूरा कर उसमें मूर्ति स्थापित कर दी जाएगी.
मोहम्मद अली का कहना है कि यहां हिंदू-मुस्लिम सभी धर्मों के लोग इस मंदिर में श्रद्धा सुमन अर्पित करते हैं. मंदिर की ऐतिहासिकता पर अगर नजर डाले तो यह घूरदेवी मंदिर करीब 500 साल पहले राजा मल्लाहपुर के राज घराने में मां की पिंडियां स्थापित की थी.

मां के इस मंदिर में बड़ी तादाद में इलाके के मुस्लिम समाज के लोग भी आकर श्रद्धा-सुमन अर्पित करते हैं. और मां उनकी मनोकामना पूरी करती है. मोहम्मद अली का कहना है कि नवरात्रि में मां के दरबार में हर जाति-धर्म के श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ रहा है. यहां किसी के साथ कोई भेदभाव नहीं है.