मौत इंसान के करीब है

हज़रत रज़ी अल्लाहु तआला अनहु से रिवायत हैके नबी करीम सल्लललाहु अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया ये तो इबन-ए-आदम (इंसान) है और ये उसकी मौत है। ये फ़रमाकर आप सल्लललाहु अलैहि वसल्लम ने अपना हाथ पीछे की तरफ़ रखा (यानी पहले तो एक जगह इशारा करके बताया कि ये इंसान है और फिर उस जगह से ज़रा पीछे की तरफ़ इशारा करके बताया कि ये उसकी मौत है) इस के बाद आप सल्लललाहु अलैहि वसल्लम ने अपने हाथ को फैलाया (और दूर इशारा करके) फ़रमाया कि उस जगह इंसान की आरज़ू है (यानी इंसान की मौत इस के बहुत क़रीब है, जब कि उस की आरज़ू इस से बहुत दूर है)। (तिरमिज़ी)

ये इबन-ए-आदम है में गोया हुज़ूर सल्लललाहु अलैहि वसल्लम ने मख़ातबीन को एक ज़ाहिरी इशारा के ज़रीये तसव्वुराती वजूद की तरफ़ मुतवज्जा किया और यही उस्लूब ये उस की मौत है में भी इख़तियार फ़रमाया गया। इस बात को वज़ाहत के साथ इस तरह बयान किया जा सकता है कि पहले हुज़ूर सल्लललाहु अलैहि वसल्लम ने अपने सामने की जानिब ज़मीन के गोशा पर या हवा में अपने हाथ के ज़रीया इशारा करके बताया कि उस जगह को ये तसव्वुर करो कि यहां इंसान है, फिर अपने हाथ को पीछे हटाया और जिस जगह पहले इशारा फ़रमाया था, इस के बिलकुल क़रीब अक़ब में हाथ को रख कर फ़रमाया कि उस जगह को वो मुक़ाम तसव्वुर करो, जहां गोया इंसान की मौत है। इस के बाद आप सल्लललाहु अलैहि वसल्लम अपने हाथ को बालिशत और उंगलीयों को काफ़ी कुशादगी के साथ फैलाया। यानी आप सल्लललाहु अलैहि वसल्लम ने अपने हाथ को उस जगह से जहां आप सल्लललाहु अलैहि वसल्लम ने पहले इशारा फ़रमाया था, बहुत आगे तक दराज़ किया और वहां इशारा करके बताया कि उस जगह को वो मुक़ाम तसव्वुर करो, जहां गोया इंसान की आरज़ू है।

इस तरह आप सल्लललाहु अलैहि वसल्लम ने इस उस्लूब बयान और इशारा के ज़रीये गोया लोगों को ख़ाब-ए-ग़फ़लत से बेदार किया कि इंसान की मौत इस के बहुत क़रीब खड़ी है।