मौत के दस साल बाद भी नहीं बना बिस्मिल्लाह खान संग्रहालय

“भारत रत्न बिस्मिल्लाह खान की यादगार धरोहरों में शुमार पांच शहनाइयां वाराणसी स्थित उनके बेटे के घर से चोरी हो गई है जिनमें से एक उनकी पसंदीदा शहनाई थी जो वह मुहर्रम के जुलूस में बजाया करते थे।”

दस बरस पहले बिस्मिल्लाह खान के इंतकाल के बाद से ही उनकी याद में संग्रहालय बनाने की मांग होती रही लेकिन अभी तक कोई संग्रहालय नहीं बन सका एेसे में उनकी अनमोल धरोहरें उनके बेटों के पास घर में संदूकों में पड़ी हैं जिनमें से पांच शहनाइयां रविवार रात चोरी हो गई।

बिस्मिल्लाह खान के पौत्रा रजी हसन ने वाराणसी से भाषा को बताया, हमें रविवार रात को इस चोरी के बारे में पता चला और हमने पुलिस में एफआईआर दर्ज कराई है। चोरी गए सामान में चार चांदी की शहनाइयां और एक लकड़ी की शहनाई, इनायत खान सम्मान और दो सोने के कंगन थे।

उन्हाेंने बताया, हमने पिछले दिनों दालमंडी में नया मकान लिया है लेकिन 30 नवंबर को हम सराय हरहा स्थित पुश्तैनी मकान में आये थे जहां दादाजी रहा करते थे। मुहर्रम के दिनों में हम इसी मकान में कुछ दिन रहते थे। जब नये घर लौटे तो दरवाजा खुला था और संदूक का ताला भी टूटा हुआ था। अब्बा : काजिम हुसैन : ने देखा कि दादाजी की धरोहरें चोरी हो चुकी थीं।