मौलाना अबुल कलाम आजाद की जयंती पर, नीतीश कुमार ने दी लापरवाह शिक्षकों पर कार्रवाई का निर्देश

पटना : देश के पहले शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद की जयंती पर शुक्रवार को आयोजित शिक्षा दिवस समारोह में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लापरवाह शिक्षकों पर कार्रवाई का निर्देश दिया. साथ ही उन्होंने अभिभावकों से अपील कि वे स्कूल से गहरा सरोकार रखें. एसके मेमोरियल हॉल में आयोजित उद्घाटन समारोह में मुख्यमंत्री निश्चय यात्रा के कारण शामिल नहीं हो सके. शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव आरके महाजन ने उनका लिखित संदेश पढ़ा. संदेश में सीएम ने कहा कि स्कूलों में पर्याप्त शिक्षक नियोजित हो चुके हैं. अब जरूरी है कि सभी बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिले. जो शिक्षक सारी सुविधाओं के बावजूद समय पर स्कूल नहीं आते हैं और ठीक ढंग से बच्चों को नहीं पढ़ाते हैं, उनके खिलाफ शिक्षा विभाग कार्रवाई करे. साथ ही जिनके बच्चे स्कूलों में पढ़ते हैं, उनका स्कूलों से सरोकार गहरा हो.

उन्होंने कहा कि प्रारंभिक शिक्षा में गुणात्मक सुधार के लिए शिक्षकों की उपस्थिति व मिड डे मील के संचालन के देख-रेख की जिम्मेदारी जीविका को दी गयी है. जीविका की पंचायत स्तर की दीदियां स्कूल में जाकर नियमित जांच करेंगी और अपनी रिपोर्ट शिक्षा विभाग व जीविका को देंगी. नीतीश कुमार ने शराबबंदी पर भी चर्चा की. कहा कि शराबबंदी पूरे बिहार में दृढ़ता से लागू है. यह सामाजिक सुधार का एक बहुत बड़ा निर्णय है.

राज्य की जनता अपनी गाढ़ी कमाई का सदुपयोग कर रही है. महिलाओं के खिलाफ घरेलू हिंसा में कमी आयी है. अपराध कम हुआ है. सड़क दुर्घटनाएं घटी हैं. पूरे देश में बिहार के इस निर्णय का स्वागत हो रहा है. शिक्षा विभाग शराबबंदी अभियान का दूसरा चरण शुरू करने जा रहा है. इसमें शराबबंदी से लाभ की जानकारी के साथ घर-घर दस्तक दी जायेगी. साथ ही वातावरण निर्माण के कई तरह के कार्यक्रम भी चलनेवाले हैं. आनेवाले समय में शराबबंदी का यह निर्णय बिहार के लिए युगांतकारी निर्णय साबित होगा.

समारोह में शिक्षा मंत्री अशोक चौधरी, महात्मा गांधी की पौत्री तारा गांधी भट्टाचार्य, शिक्षाविद केके कृष्ण कुमार, शिक्षा विभाग के सचिव जितेंद्र श्रीवास्तव, अपर सचिव के सेंथिल कुमार, बिहार आधारभूत संरचना निगम के एमडी संजीवन सिन्हा, प्राथमिक शिक्षा निदेशक एम रामचंद्रुडु, माध्यमिक शिक्षा निदेशक राजीव प्रसाद सिंह रंजन, उच्च शिक्षा निदेशक प्रो खालिद मिर्जा, विनोदानंद झा, मो गालिब खान, अोम प्रकाश शुक्ला, प्रो विनय कंठ समेत अन्य लोग मौजूद थे.

मुख्यमंत्री ने कहा कि सूबे में उच्च शिक्षा के प्रति युवाओं का रुझान काफी कम है. 12वीं के बाद 13 फीसदी युवा ही उच्च शिक्षा लेेते हैं. इसका कारण उनके माता-पिता की असमर्थता है. हमने सात निश्चय के तहत युवाओं को आगे पढ़ने का अवसर दिया है. ऐसे छात्र-छात्राओं को चार लाख का स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड दिया जा रहा है. इसके अलावा इंटरव्यू के लिए दूसरी जगहों पर जाने के लिए भी स्वयं सहायता समूह बनाया है. इसके तहत छात्र-छात्राओं को दो वर्ष तक प्रतिमाह एक हजार की राशि दी जायेगी. छात्रों को कंप्यूटर, बोलने की कला, हिंदी-अंगरेजी के ज्ञान के लिए प्रखंड स्तर पर कौशल विकास केंद्र खोला गया है. इससे छात्र-छात्राओं को प्रतियोगी परीक्षा के लिए तैयार होने में काफी मदद मिलेगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि जिला स्तर पर निबंधक सह परामर्श केंद्र खोला गया है. युवा यहां ऑनलाइन आवेदन करेंगे. जिस योजना में उनकी रुचि होगी, उसका लाभ उन्हें दिया जायेगा.