मौलाना अब्दुल कवि की गिरफ़्तारी पर कमिशनर दिल्ली को नोटिस

आंध्र प्रदेश रियासती अक़लियती कमीशन ने मौलाना मुहम्मद अब्दुल कवि सदर नशीन इदारा अशर्फ़ उल-उलूम की दिल्ली में 23 मार्च को सादा लिबास में मलबूस बाज़ नामालूम अफ़राद की तरफ से उठालए जाने के वाक़िये पर दिल्ली के कमिशनर पुलिस के नाम एक नोटिस जारी करते हुए इस वाक़िये की मुकम्मिल तहक़ीक़ात करने और अंदरून 15 दिन् रिपोर्ट की पीशकशी की हिदायत की है।

मौलाना अब्दुल कवि के फ़र्ज़ंद अबदुलमलिक अनस ने रियासती अक़लियती कमीशन को एक याददाश्त पेश की जिस में शिकायत की गई थी कि उनके वालिद 25 मार्च को मुनाक़िद शुदणी एक मीटिंग में शिरकत के लिए 23 मार्च को ज़रीये तैयारा दिल्ली रवाना हुए थे
जहां एयरपोर्ट पर सादा लिबास में मलबूस चंद नामालूम अफ़राद ने मुक़ामी पुलिस या मौलाना के अरकाने ख़ानदान को मतला किए बगै़र उठाकर किसी नामालूम मुक़ाम को मुंतक़िल कर दिया था।

कमीशन ने इस शिकायत को समाअत के लिए क़बूल करते हुए दिल्ली के कमिशनर पुलिस के नाम नोटिस जारी की और अंदरून 15 दिन रिपोर्ट पेश करने की हिदायत दी।

कमीशन ने इस ज़िमन में तीन अहम सवालात उठाए हैं। ये भी इस्तिफ़सार किया गया कि आया मुबय्यना वारंट पिछ्ले दस साल के दौरान अब ही क्यों इस्तेमाल किया गया जबकि मुल्ज़िम हैदराबाद के एक स्कूल में अपने फ़राइज़ की अंजाम दही के लिए मौजूद थे।

कमीशन ने इस मसले पर अपनी तशवीश से क़ौमी अक़लियती कमीशन को भी वाक़िफ़ करवाया। क़ौमी अक़लियती कमीशन के अलावा वज़ीर-ए-आज़म मनमोहन सिंह और वज़ीर-ए-दाख़िला सुशील कुमार शिंदे को भी वाक़िफ़ करवाया और मुदाख़िलत की दरख़ास्त की गई।