मौलाना अब्दुल कवि की दरख़ास्त ज़मानत पर जुमेरात को समाअत

नाज़िम मुदर्रिसा अशर्फ़ उल-उलूम मौलाना मुहम्मद अब्दुल कवि की दरख़ास्त ज़मानत आज अहमदाबाद पोटा की ख़ुसूसी अदालत में दाख़िल की गई और उसकी समाअत 19 जून को मुक़र्रर की गई है।

अहमदाबाद डीटकशन क्राईम ब्रांच ने मौलाना के ख़िलाफ़ चार दिन पहले पोटा अदालत में चार्ज शीट दाख़िल की थी। वाज़िह रहे कि जारीया साल मार्च में मौलाना को अहमदाबाद क्राईम ब्रांच के ओहदेदारों ने दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर दस साल पुराने केस DCB-6 में गिरफ़्तार कर के साबरमती जेल मुंतक़िल कर दिया था।

मौलाना को 14 दिन की पुलिस तहवील में भी लिया गया था और बादअज़ां उन्हें दुबारा अदालती तहवील में देदिया गया। मौलाना अब्दुल कवि के वुकला ने साबिक़ में दरख़ास्त ज़मानत दाख़िल की थी जिसे ख़ुसूसी पोटा के जज ने मुस्तर्द कर दिया था। सोश्यल नेटवर्किंग वैब साईट्स पर मौलाना की रिहाई की ख़बर फैलने के बाद उनके बही ख्वाहों में ख़ुशी की लहर दौड़ गई जो आरिज़ी साबित हुई।

इस ख़बर की तरदीद करते हुए मौलाना के अफ़रादे ख़ानदान ने दाख़िल की गई दरख़ास्त ज़मानत पर दुआओं की अपील की है।