मुहतमिम इदारा अशर्फ़ उल-उलूम हैदराबाद-ओ-इदारा इमदादा लालोम ट्रस्ट जमालपुर नारायण खेड़ मौलाना अल्हाज मुहम्मद अब्दुल कवि की दिल्ली एयरपोर्ट से गै़रक़ानूनी तौर पर गुजरात पुलिस की तरफ से गिरफ़्तारी और उन्हें गुजरात मुंतक़िल किए जाने के ख़िलाफ़ अपने शदीद रद्द-ए-अमल का इज़हार करते हुए मुसलमानान नारायणखेड़ की तरफ से मौलाना अब्दुल कवि की फ़ौरी तौर पर रिहाई का मुतालिबा करते हुए तहसीलदार नारायणखेड़ को याददाश्त पेश की गई।
याददाश्त में कहा गया हैके मबलग़ इस्लाम मौलाना अब्दुल कवि को बाइज़्ज़त और ग़ैर मशरूत तौर पर रिहा कर दिया जाये, और कहा गया कि मौलाना अब्दुल कवि ने सारी ज़िंदगी में दुसरे सरगर्मीयों से ख़ुद को महफ़ूज़ रखते हुए ख़ामोश अंदाज़ में महिज़ दीनी तालीमात को फ़रोग़ देने पर अपनी तवज्जा मर्कूज़ रखी लेकिन पुलिस की तरफ से मौलाना जैसी कद्दावर मज़हबी शख़्सियत पर ग़ैर ज़रूरी इल्ज़ामात आइद करते हुए उन्हें गिरफ़्तार किया जाना हिंदुस्तानी सेकुलरिज्म पर एक बदनाम दाग़ के बराबर है।
लिहाज़ा हुकूमत वक़्त को चाहीए कि वो मौलाना अब्दुल कवि की ग़ैर ज़रूरी गिरफ़्तारी का हुक्म देने वालों के ख़िलाफ़ सख़्त कार्रवाई करे। इस मौके पर मुसलमानान नारायणखेड़ का वफ़द जिन में सय्यद सरफ़राज़ हुसैन, मुहम्मद अबदुल नसीरुद्दीन जनरल स्टोर, मुहम्मद नईम वाच, सय्यद सज्जाद अली, मुहम्मद सुलतान अहमद, मुहम्मद नसीर उद्दीन, मुहम्मद अबदुलजब्बार, सय्यद मुज़म्मिल के अलावा दुसरे ने शिरकत की।