मौलाना आज़ाद की तालीमी ख़िदमात मशाल राह

ज़हीराबाद 17 नवंबर ( सियासत डिस्ट्रिक्ट न्यूज़ ) इंचार्ज प्रिंसिपल गर्वनमैंट जोनईर कॉलिज ज़हीरा बाद जनाब इसरार उल-हक़ ने कहा कि मुल्क में इक्कीसवीं सदी से हम आहंग तालीमी निज़ाम को रोशनास कराने का सहरा मौलाना अब्बू उल-कलाम आज़ाद के सर जाता है ।

जो बलंद पाया दानिश्वर , सहाफ़ी और मुजाहिद आज़ादी होने के इलावा आज़ाद हिंदूस्तान के अव्वलीन वज़ीर-ए-ताअलीम थे । जनाब इसरार-उल-हक़ कॉलिज हज़ा में मुनाक़िदा क़ौमी यौम तालीम तक़रीब के शुरका को मुख़ातब कर रहे थे जिस की सदारत मुहतरमा शकुंतला हिन्दी लॆकचरर ने की ।

उन्हों ने कहा कि मौलाना आज़ाद ने अपने दौर-ए-वज़ारत मैं सकनडरी एजूकेशन कमीशन , यूनीवर्सिटी एजूकेशन कमीशन और यूनीवर्सिटी ग्रान्ट्स कमीशन का क़ियाम अमल में लाया जबकि साईंस और टैक्नालोजी के फ़रोग़ केलिए इंडियन कौंसल आफ़ साईंस , इंडियन कौंसल फ़ार मैडीकल रिसर्च , इंडियन कौंसल फ़ार हसटरययकल रिसर्च , इंडियन कौंसल फ़ार गरीकलचर ऐंड साइनटीफ़क साईंस रिसर्च और ऑल इंडिया कौंसल फ़ार टेक्नीकल एजूकेशन जैसे मसरूफ़ इदारे भी क़ायम किए गए ।

उन्हों ने कहा कि मौलाना आज़ाद ने मज़कूरा इदारों के क़ियाम पर ही इकतिफ़ा नहीं किया बल्कि उन्हों ने 1951 में खड़क इंस्टीटियूट आफ़ हायर टैक्नालोजी क़ायम किया जबकि हिंदूस्तान की हज़ारों साला तहज़ीबी विरासत और फुनूने लतीफ़ा को फ़रोग़ देने केलिए उन्हों ने इंडियन कौंसल फ़ार कल्चरल रेलेशन्ज़ , साहित्य एकेडेमी , संगीत नाटक एकेडेमी और ललित कल्ला एकेडेमी क़ायम की ।

हिन्दी लकचरर मुहतरमा शकुंतला ने अपने सदारती ख़िताब में मौलाना आज़ाद को एक सच्चे मुहिब-ए-वतन क़रार दिया और कहा कि इन की शख़्सियत तशनगान इलम केलिए मशाल राह है जबकि उन की जानिब से जदीद हिंदूस्तान की तालीमी तरक़्क़ी केलिए अंजाम दिए गए कारनामे नाक़ाबिल फ़रामोश हैं। दीगर लकचररस मसरज़ मुहम्मद अंसार अहमद, मुर्तज़ा शरीफ़ , मुहम्मद अज़ीम उद्दीन ने भी मुख़ातब किया ।

बाद अज़ां तहरीरी-ओ-तक़रीरी मुक़ाबलों में इनाम के मुस्तहिक़ तलबा-ए-में इनामात तक़सीम किए गए । जिन में तलगो मीडियम के सी सू अपना ऐम सो अपना , प्रभु और उर्दू मीडियम के मुहम्मद ख़ालिद हुसैन , शहनाज़ फ़ातिमा , इशरत सुबह-ए-और रहमत हुसैन काबिल-ए-ज़िकर हैं ।