आज़ाद हिंदुस्तान के पहले वज़ीर-ए-ताअलीम मौलाना अब्बू उल-कलाम आज़ाद के 126 वीं यौम-ए-पैदाइश को सरकारी तौर पर अक़लियती बहबूद के तौर पर मनाने अपने एलान के बावजूद तेलंगाना के चीफ़ मिनिस्टर के चंद्रशेखर राव ने रवींद्र भारती थिएटरस में मुनाक़िद रियासती सरकारी तक़ारीब में शिरकत से गुरेज़ किया।
चीफ़ मिनिस्टर के सी आर ने मुमताज़ मुजाहिद आज़ादी भारत रतन अब्बू उल-कलाम आज़ाद के यौम-ए-पैदाइश को रियासती सतह पर यौम अक़लियती बहबूद के तौर पर मनाने के लिए आला ओहदेदारों और वुज़रा को हिदायत की थी लेकिन इमारात मुक़न्निना के रूबरू वाक़्ये रवेंद्रा भारती थिएटर में मुनाक़िदा इस तक़रीब में शिरकत से गुरेज़ करते हुए असेंबली में वाक़्ये अपने चैंबर्स में बैठे रहने को तर्जीह दी।
के सी आर ने दिन के तक़रीबन 10 बजकर 25 मिनट तक असेंबली में मौजूद रहे और वहां से रवानगी के दो घंटे बाद यानी दोपहर 12 बजकर 5 मिनट पर दुबारा एवान पहूंचे।
असेंबली मीटिंग की रिपोर्टिंग करने वाले सहीफ़ा निगारों ने समझा कि के सी आर ग़ालिबन रूबरू वाक़्ये रवेंद्रा भारती थिएटरस में मुनाक़िदा मौलाना आज़ाद यौम-ए-पैदाइश तक़रीब में शिरकत के लिए गए हैं लेकिन बाद में पता चला कि वो असेंबली के अहाता से बाहर नहीं निकले थे बल्कि वहां अपने चैंबर में मौजूद थे।
दूसरी तरफ़ चीफ़ मिनिस्टर की आमद की तवक़्क़ो में डिस्ट्रिक्ट माइनॉरिटीज़ वेलफेयर ऑफीसर और डिस्ट्रिक्ट एजूकेशन ऑफीसर (डी ई ओ) ने स्कूली बच्चों की कसीर तादाद को 9 बजे सुबह से ही रवेंद्रा भारती थिएटरस पर जमा करलिया था लेकिन तवक़्क़ुआत के बरख़िलाफ़ ना तो चीफ़ मिनिस्टर और ना ही दुसरे सियासी जमातों के किसी अहम लीडर ने इस प्रोग्राम में शिरकत की। सिर्फ़ डिप्टी चीफ़ मिनिस्टर महमूद अली ने हुकूमत की नुमाइंदगी की और रुकन क़ानूनसाज़ कौंसिल फ़ारूक़ हुसैन ने कांग्रेस के वाहिद नुमाइंदा थे।