“मौलाना गुलाम मोहम्मद वस्तानवी” का कारनामा जिन्होंने दीनी तालीम के अलावा दुनिया की असरी तालीम को भी फरोख़‌ दिया

“जामिया इस्लामिया इशातुल उलूम” आज अक्कलकुवा  की पहचान बन चुका है, उलूमे दुनिया का बहता दरिया है, जहा तहफिज़े कुर्आन से ले कर दीनियात, आलामियत फज़िलत तख़स्सुस और इफ्ता जैसे तमाम तर शौबाजात ब हुस्न जैसे जारी वा सारी है| मौलाना गुलाम मोहम्मद वस्तानवी अपने दारायेकार को महस अक्कलकुवा तक महदूद नहीं रखा बल्की इसे सुबाये महाराष्ट्र के कोने कोने में तक फैला दिया आज जामिया के तहत कुल 89 इखामती दर्जगाहें खायम है जहा 29527 तलाबा दीनी तालीमात से अपने अज़हानो ख़ुलूब को मुनव्वर करने में मशहूल है|

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मुल्क भर में फैले 2685 मुखातिब में 120735 बच्चे जेरे तालीम है मुसल्लाह स्कीम के ज़रिये हिन्दुस्तान के तुलार्स में ज़यद अर्ज़ 5600 मसाजिद‌ तक्मील पाकर लाखो सजदो की आमीन बन चुकी है| 15 साल तक ख़ालिसतन दीनी तालीमी इदारो की तामीर और इस्तहकाम के लिए जहदे मुसलसल के बाद मौलाना गुलाम मोहम्मद वस्तानवी ने असरी तालीम की जानिब तवज्जे मनसूल फरमाई इब्तेदा आई टी आई से की कम तालीम फाफता नौजवानो के लिए जल्द रोज़गार के इस मिशन में कामियाबी से हौसला पाकर मौलाना गुलाम मोहम्मद वस्तानवी ने दिगर कोर्सस जारी करने मे‍ं अपना ज़ोर सर्फ कर दिया सन ‍‍‍‍‍ 1996 में अहमद गरीब युनानी मेडीकल कॉलेज की शुरूआत हुई साथ ही D.ed, B.ed, कॉलेजो का क़ियाम भी अमल में आया इन कॉलेजो के बाद उर्दू अंग्रेज़ी और मराठी मिडियम की स्कूले भी क़ायम की गई आई टी आई को आगे बढाते हुए पॉलिटेक्निक कॉलेज भी जामिया के दामन में शुरू किया गया|

सन 2010 में इंजीनियरिंग कॉलेज के क़ियाम साथ ही टेक्निकल तालीम का सिलसिला ग्रेजुएशन तक पहुंचा सन 2003 में फार्मेसी कोर्सस के लिए पहले तो “डी फार्मेसी” फिर उसके बाद “बी फार्मेसी” और फिर एम फार्मेसी तक कॉलेजो क़ायम किए गए आज इसी इंस्टीट्यूट से दसियों स्कॉलर्स डॉक्टरेट कर रहें है|

सन 2011 में मौलाना गुलाम मोहम्मद वस्तानवी ने सुबाये महाराष्ट्र के पहले मुस्लिम एमबीबीएस कॉलेज के क़ियाम का बीडा उठाया दो साल की महनत के बाद मेडिकल कौंसिल ऑफ़ इंडिया ने उनके कॉलेज “इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ़ मेडिकल साइंस एंड रिसर्च” को साल 2013- 14 से दाख़िले की इजाज़त दी औरंगाबाद जालना हाईवे पर वाक़्य 40 एकड ज़मीन पर मुहीत‌ इस कॉलेज में तक़्रीबन 200 तलबा ज़ेरे तालीम है कॉलेज से मुंतसिल 500 बिस्तर पर मुशतमिल नूर हॉस्पिटल रोज़ाना सेंकडों गरीब मरीज़ों को मुफ्त इलाज की सहुलत मौहिया करता है|

ये मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल तमाम तर जदीद तिब्बी तखाज़ों से मुज़इयन है| आज जामिया के दामन में तीन आईटीआई तीन युनानी मेडिकल कॉलेजो दो कॉलेज ऑफ़ फार्मेसी, दो पॉलिटेक्निक, एक इंजीनियरिंग कॉलेज और‌ एक एमबीबीएस कॉलेज का जाल बिछा हुआ है| दीनी और असरी उलूम के कुल 163327 तालीबे इल्म अपनी इल्मी प्यास बुझाने में मसरूफ है| इल्म का ये सिलसिला जारी वा सारी है| इसकी तौसी के इम्कानात निहायत ताबनाक मालूम होते है|