शहर हैदराबाद में माह जून के आग़ाज़ से अब तक हुई जुमला 12 सनटी मीटर बारिश ने दोनों शहरों हैदराबाद-ओ-सिकंदराबाद में 12 नई झीलों की निशानदेही की है और महिकमा मौसमियात के मुताबिक़ पूरे साल के दौरान 82 सनटी मीटर बारिश की तवक़्क़ो(उम्मीद ) की जा रही है । इस एतबार से अभी जारीया मौसिम-ए-बारिश के दौरान 70 सनटी मीटर बारिश होना बाक़ी है ।
दोनों शहरों के अवाम को सिर्फ 12 सनटी मीटर बारिश ने कई परेशानियों में मुबतला कर दिया हद तो ये होगई कि मेयर हैदराबाद को सड़क पर निकल आना पड़ा । दार उस्सलाम रोड , पंजा गट्टा , सोमाजी गोड़ा , चौक मुर्ग़ां , काला पत्थर , बेगम पेट के जो इलाक़े झील में तब्दील हुए थे इन इलाक़ों के अवाम ने मजलिस बलदिया की कारकर्दगी पर ब्रहमी का इज़हार करना शुरू कर दिया जिस के नतीजा में बलदिया के इमरजंसी उसको एड्स फ़ौरी मुतहर्रिक होगए ।
गुज़श्ता शब हुई मसरूफ़ औक़ात में बारिश के सबब शहर के बेशतर नशीबी इलाक़ों में पानी जमा होगया । नशीबी इलाक़ों में तेज़ बारिश के सबब पानी का जमा होना मामूल की बात है लेकिन शहर की अहम सड़कों पर बारिश का पानी जमा होने के सबब कई घंटों तक ट्रैफिक जाम रही । महिकमा मौसमियात के बमूजिब(मोताबिक) गुज़श्ता शब 31 मिली मीटर यानी सनटी मीटर बारिश रेकॉर्ड की गई और सिर्फ 3 सनटी मीटर बारिश में मजलिस बलदिया की अज़ीम कारकर्दगी और मौसिम-ए-बाराँ की आमद से कब्ल बल्कि मानसून की एक बारिश होने के बावजूद इक़दामात की हक़ीक़त खुल कर अवाम के सामने आगई ।
माह जून के आग़ाज़ से अब तक हुई 124 मिली मीटर बारिश जो कि मजमूई एतबार से 12 सनटी मीटर से कुछ ज़ाइद है के दौरान शहर में पानी जमा होने के मुक़ामात की निशानदेही तो बड़ी हद तक हो चुकी है लेकिन इन मुतास्सिरा मुक़ामात पर मुस्तक़िल(परमानेंट) हल के इक़दामात के सिलसिला में कोई संजीदगी का मुज़ाहरा नहीं किया जा रहा है । जिस से अंदाज़ा होता है कि मजलिस बलदिया को अवाम के मसाइल की फ़िक्र नहीं है ।
ज़राए के बमूजब(मोताबिक) आइन्दा दिनों में अगर गुज़शता शब की तरह मुसलसल 4 घंटे बारिश होती है तो शहर में मौजूद पानी की निकासी का निज़ाम मफ़लूज(नाकाम) हो कर रह जाएगा चूँकि मौसिम-ए-बाराँ की आमद से कब्ल जो एहतियाती इक़दामात किये जाने थे वो मुकम्मल नहीं होपाए हैं ।
बलदिया की लापरवाही से निमटने बेशतर इलाक़ों में अवाम अपने तौर पर डरेंज के ढक्कन खोलते हुए पानी की निकासी की कोशिश करते हैं जो कई मर्तबा नागहानी हादिसात का मूजिब (वजह)बनते हैं ।मजलिस बलदिया के एक साबिक़ ओहदेदार ने बताया कि बरसात के पानी की निकासी के मौजूदा निज़ाम को दरुस्त ना बनाए जाने की सूरत में मुकम्मल निज़ाम तबाह होसकता है । उन्हों ने बताया कि मौसिम-ए-बाराँ की आमद से कब्ल नालों की अदम सफ़ाई और डरेंज लाईन की ना मुकम्मल सफ़ाई के सबब ये सूरत-ए-हाल पैदा होती है ।
बताया जाता है कि बलदी ओहदेदारों को हिदायत देने के बावजूद मानसून से कब्ल इंतिज़ामात मुकम्मल ना किए जाने पर मेयर बलदिया हैदराबाद ब्रहम हैं । सिर्फ दो बारिशों ने मेयर को सड़क पर निकलते हुए पानी की निकासी का जायज़ा लेने पर मजबूर कर दिया अगर मज़ीद दो तीन मुसलसल बारिशें होगईं तो शहर के हालात का जायज़ा लेने ज़िला इंतिज़ामीया को सरकारी सतह पर इजलास मुनाक़िद करना पड़ सकता है ।
अवाम ने बलदिया की कारकर्दगी को तन्क़ीद का निशाना बनाते हुए कहा कि मजलिस बलदिया अगर कब्ल अज़ वक़्त मानसून से निमटने तय्यार रहती तो अवाम को उन मुश्किलात का सामना नहीं करना पड़ता ।