नाएपीदो- म्यांमार में 50 साल के लंबे सैन्य शासन के बाद लोकतंत्रवादी नेता आंग सान सू ची की पार्टी ने सत्ता ग्रहण की और उनके करीबी सहयोगी देश के राष्ट्रपति बने।
सू ची के स्कूली मित्र और उनके निकट सहयोगी हतिन क्याव ने पूर्व जनरल थीन सीन की जगह ली। थीन सीन ने देश में सुधार की शुरूआत की और म्यांमा को अलग-थलग पड़े राष्ट्र से राजनीतिक और आर्थिक उम्मीदों वाले देश में बदल दिया।
सैन्य शासकों के बनाए संविधान के अनुसार 70 वर्षीया सू ची राष्ट्रपति नहीं बन सकती थी। उन्होंने एलान किया था कि किसी भी तरह सरकार की कमान उनके ही हाथों में होगी। उम्मीद की जा रही है कि हतिन क्याव उनकी इसी स्कीम के तहत काम करेंगे।
लोकतंत्र के संक्रमण की लंबी और जटिल प्रक्रिया का अंतिम चरण राजधानी नाएपीदो में सैन्य शासकों की बनाई संसद में पूरा हुआ जहां सत्ता असैन्य शासकों को सौंपी गई। नवंबर के चुनाव में सू ची की पार्टी ‘नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी’ को जबरदस्त जीत हासिल हुई थी। चुनाव में 80 फीसद सीटें एनएलडी की झोली में आई और इस तरह उसे शासन का जबरदस्त जनादेश मिला।
वर्ष 1962 से ही सैन्य शासकों ने देश पर निर्मम शासन किया था। इसकी जकड़ समाज पर साफ उजागर है। देश के असैन्य शासकों पर अब यह जिम्मेदारी है कि समाज को आगे बढ़ाने के साथ साथ खराब स्थिति में पड़ी अर्थव्यवस्था को नई उर्जा दें।