म्यांमार में मुसलमान सिर्फ दो ही बच्चे पैदा कर सकते हैं

यंगून, 30 मई: म्यांमार के राखाइन रियासत में एक नया सरकारी हुक्म जारी किया गया है। इस हुक्म के तहत यहां रहने वाले रोहिंग्या मुसलमान सिर्फ दो ही बच्चे पैदा कर सकते हैं।

गौरतलब है कि यह हुक्म सिर्फ मुस्लिमों के लिए ही है, इन इलाकों में रहने वाले बौद्ध के लिए नहीं। मज़हब की बुनियाद पर आबादी में इज़ाफा को रोकने वाला यह दुनिया का पहला सरकारी हुक्म माना जा रहा है। इस हुक्म के बाद यहां की हुकूमत पर मुस्लिमों से भेदभाव करने का इल्ज़ाम लग रहा है।

हफ्ते को जारी इस हुक्म के दायरे में फिलहाल राखाइन रियासत के दो कस्बे आते हैं। बुथीडांग और मौनदा नाम के ये कस्बे बांग्लादेश से लगी सरहद पर वाकेए हैं। रियासत में मुस्लिमों की सबसे ज्यादा आबादी इन्हीं दो मुकामों पर है। अगर पूरे मुल्क की बात की जाए, तो म्यांमार की छह करोड़ की आबादी में मुस्लिम चार फीसद हैं।

इस हुक्म के बारे में सरकारी तरजुमान ने कहा कि इसका मकसद मुस्लिमों की तेजी से बढ़ती हुई आबादी पर काबू पाना है। उन्होंने कहा कि सरकार ने जब हालिया नस्ली तशद्दुद की जांच की, तो पाया कि मुस्लिमों की आबादी में तेजी से बढ़ोतरी टकराव का एक बड़ा सबबब है। आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि राखाइन में रहने वाले बौद्धों के मुकाबले मुस्लिमों की आबादी की बढ़ोतरी की दर 10 गुना ज्यादा है।

गौरतलब है कि राखाइन रियासत में एक साल पहले नस्ली तशद्दुद शुरू हुई थी। टकराव राखाइन के बौद्धों और रोहिंग्या मुस्लिमों के बीच हुआ था। इस दौरान हथियारों से लैस बौद्धों ने मुस्लिमों के हजारों घर जला दिए थे। इस तशद्दुद में सैकड़ों लोग मारे गए थे और तकरीबन सवा लाख मुस्लिमों को भागने के लिए मजबूर होना पड़ा था।