म्यांमार में रोहिंग्या मुसलमानों के खिलाफ़ नफरत फैलाने में नाकामी के लिए फेसबुक ने गलती मानी!

सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक ने माना है कि उसनेम्यांमारमें हिंसा रोकने के लिए पर्याप्त प्रयास नहीं किये। एक नीति प्रबंधक एलेक्स वारोफ्का ने अपने ब्लॉग पोस्ट में लिखा है कि फेसबुक मानवाधिकारों की रक्षा के लिए और देश में विभाजन तथा हिंसा को रोकने के लिए पर्याप्त प्रयास कर सकता है और उसे करना चाहिए।

फेसबुक नेम्यांमारमें अपनी भूमिका का अध्ययन करने के लिए ‘‘बिजनेस एंड सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी’’ को जिम्मेदारी दी थी। इस गैरलाभकारी कंपनी ने सोमवार को 62 पन्नों की एक रिपोर्ट जारी की।

म्यांमारमें जातीय हिंसा और धार्मिक टकराव को बढ़ावा देने के लिए फेसबुक का जिस तरह इस्तेमाल किया गया, उसे लेकर देश में इस सोशल नेटवर्किंग साइट की खूब आलोचना हुई।

रिपोर्ट में कहा गया है कि जो लोग नफरत फैलाना चाहते हैं और दूसरों को नुकसान पहुंचाना चाहते हैं उनके लिए फेसबुक एक जरिया बन गया है। इस पर फेसबुक ने माना कि म्यांमार में हिंसा और नफरत फैलाने के लिए अपनी सेवाओं का इस्तेमाल रोकने के वास्ते उसने पर्याप्त प्रयास नहीं किए।