म्यांमार की सरकार ने देश के पश्चिमी इलाक़ों में अल्पसंख्यक रोहिंग्या मुसलमानों के गांवों पर हेलिकाप्टरों से गोलीबारी की बात कबूल ली है।
सरकारी मीडिया के मुताबिक संदिग्ध रोहिंग्या चरमपंथियों और सरकारी सैन्यबलों के बीच हुई मुठभेड़ के दौरान हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल किया गया।
इस मुठभेड़ में आठ लोग मारे गए, जिनमें दो सैनिक थे।
ह्यूमन राइट्स वाच ने कुछ तस्वीरें जारी की हैं, जिनमें जले हुए गांवों को दिखाया गया है। संस्था के मुताबिक 430 घरों को जलाया गया है।
बांग्लादेश से सटे राख़िने प्रांत में रह रहे अल्पसंख्यक रोहिंग्या मुसलमान म्यांमार में भेदभाव का सामना कर रहे हैं।
रोहिंग्या समुदाय से जुड़े लोगों का कहना है कि सरकार नस्लीय आधार पर रोहिन्गया मुसलमानों की हत्या करा रही है।
वहीं नोबेल पुरस्कार प्राप्त राजनेता आंग सान सू ची की सरकार का कहना है कि सैन्य अभियान हमलावर चरमपंथियों की तलाश में चलाया गया है।
म्यांमार में करीब 8 लाख रोहिंग्या मुस्लिम रहते हैं और वे इस देश में सदियों से रहते आए हैं, लेकिन बर्मा के लोग और वहां की सरकार इन लोगों को अपना नागरिक नहीं मानती है। बिना किसी देश के इन रोहिंग्याबिना किसी देश के इन रोहिंग्या लोगों को म्यांमार में भीषण दमन का सामना करना पड़ता है। बड़ी संख्या में रोहिंग्या लोग बांग्लादेश और थाईलैंड की सीमा पर स्थित शरणार्थी शिविरों में अमानवीय स्थितियों में रहने को विवश हैं।
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