सयुंक्त राष्ट्र के एक अधिकारी ने बीबीसी को दिए गए इंटरव्यू में बताया है की म्यांमार रोहिंग्या मुस्लिम अल्पसंख्यको को उनके इलाको से खदेड़ देना चाहता है|
जॉन मकइससिक,संयुक्त राष्ट्र रिफ्यूजी एजेंसी, बताते है “म्यांमार के सशस्त्र बल रक्खिन राज्य में रोहिंग्या मुल्सिमओ को मारते जा रहे है, जिसके डर से कई मुस्लिम पडोसी देश बांग्लादेश में भाग के जा रहे है|”
माना जा रहा है की म्यांमार जो बर्मा के नाम से भी जाना जाता है आतंकवादी विरोधी ऑपरेशन्स के नाम पर लोगो को मार रहा है, परंतु वह अपने इस घिनोने और अत्याचारी कदम की खबरों से कतरा रहा है|बर्मीज़ अधिकारी दलील देते है की रोहिंग्यास अपने आप ही अपने घरो में आग लगा रहे है, बीबीसी के मुताबिक इस बात की पुष्टि के लिए उन्हें इन इलाको में जाने की अनुमति नहीं दी गई|रोहिंग्या की तादात करीब १० लाख है जो बहुमत में पाए जाने वाले बुद्धिस्ट जंशाख्य के हिसाब से गेरकाननोनी रूप से म्यांमार में बसी हुई है|
बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय के हिसाब से हज़ारो की तादात में रोहिंग्या मुस्लिम बॉर्डर के इलाको में आकर शरण ले रहे है| हालाँकि लोगो का इस तरह बॉर्डर पार करके आना, बांग्लादेश की सरकारी नीति के खिलाफ है|
मकइससिक कहते है की म्यांमार की सशस्त्र सेना और सिमा सुरख्षा बल, ९ सिमा सुरक्षा कर्मियों के मारे जाने के बाद से, रोहिंग्या मुसाल्मानो को इसका दोषी बता कर अल्पसंख्यक मुसाल्मानो पर अत्याचार करे जा रही है| सुरक्षा बल बेरहमी से आदमियो को गोलियों से भून रहे है, बच्चो का कत्लेआम कर रहे है, औरतो का बलात्कार कर रहे है और घरो को लूट कर उनमें आंग लगा देने के साथ लोगो को जबरन नदी पार करवा रहे है|
म्यांमार के राष्ट्रयपति के एक प्रवक्ता ज़्ज़ो हटे ने सयुंक्त राष्ट्र के अधिकारी मकइससिक को चेताते हुए कहा की ” उन्हें अपने प्रोफेशनलिज्म (व्यावसायिकता) और सयुंक्त राष्ट्र की मर्यादा को ध्यान में रख कर बात करनी चाहिए, और इलज़ाम लगाने से बचना चाहिए|
इससे एक सप्ताह पहले ही ह्यूमन राइट्स वाच नमक संस्तान ने सॅटॅलाइट के ज़रिये खिंची गयी तस्वीरो के ज़रिये आग से झुलसाए गए १२०० घरो को दिखाया था |
Source: BBC