सदर त्यूनस बीजी क़ाइद असबसी ने कहा कि स्यानत की नाकामियों से मुल्क के क़ौमी म्यूज़ीयम पर मोहलिक हमला में मदद और सहूलत हासिल हुई। दौलते इस्लामीया ने 70 ग़ैर मुल्की सैयाहों को इस हमला में हलाक कर दिया।
सदर त्यूनस तेरस वाच हफ़्तावार रिसाला को इंटरव्यू देते हुए जो कल शाय किया गया एतराफ़ किया कि स्यानत की नाकामियों का वजूद था। इस का मतलब ये है कि पुलिस और महकमा सुराग़ रसानी मुनज़्ज़म तौर पर इस बात को यक़ीनी नहीं बना सके कि म्यूज़ीयम को महफ़ूज़ रखा जाए।
21 अफ़राद जिन में से एक से सिवाए बाक़ी ग़ैर मुल्की सैयाह थे हलाक कर दिए गए जब दो बंदूक़ बर्दार नैशनल बार्डो म्यूज़ीयम टाउन्स में ज़बरदस्ती दाख़िल हो गए। सदर त्यूनस ने ज़ोर दे कर कहा कि ताहम फ़ौज ने फ़ौरी मोअस्सर जवाब दिया और बार्डो म्यूज़ीयम पर हमला का ख़ात्मा कर दिया।
यक़ीनी तौर पर मज़ीद कई अफ़राद हलाकतों से महफ़ूज़ रहे। अगर दहश्तगर्द अपने ख़ुदकुश कमरबंद धमाका से उड़ाने में कामयाब हो जाते तो मज़ीद हलाकतें मुम्किन थीं। महलूक सैयाहों में चार इतालवी तीन जापानी तीन फ़्रांसीसी दो स्पेनी एक कोलंबियाई एक ऑस्ट्रेलियाई और एक बर्तानवी ख़ातून के इलावा एक बेल्जीयम की ख़ातून तीन पोलैंड की और एक रूस की ख़ातून शामिल थे।