मक़्तूल सर्वर के अफ़राद ख़ानदान पुलिस हरासानी से तंग

कोरटला, २४ जनवरी ( सियासत डिस्ट्रिक्ट न्यूज़ ) शहर कोरटला मुहल्ला हाजी पूरा के मुहम्मद सुरूर जिन का एक साल क़बल 14 जनवरी 2011 को चंद नामालूम अफ़राद ने बे रहमाना अंदाज़ में क़तल करके ज़रई बावली में फेंक दिया था । इन का क़त्ल एक मुअम्मा बना हुआ है । एक साल का अर्सा गुज़र जाने के बावजूद पुलिस हक़ीक़ी ख़ातियों को पकड़ने में नाकाम है । मुहम्मद अबदुल सलीम फ़ारूक़ी नामा निगार सियासत जब मुहम्मद सरवर ( मक़्तूल) के घर पहूंचे तो उन की बीवी हलीमा ने उन्हें अपनी दुख भरी कहानी सुनाते हुए कहा कि इन के शौहर घर ना लौटे तो उन्हें काफ़ी तशवीश हुई ।

उन्हें काफ़ी तलाश किया गया लेकिन इन का कहीं पता ना चला । 5 दिन बाद 19 जनवरी 2011 बरोज़ जुमेरात पुलिस की जानिब से इत्तिला दी गई कि नामालूम अफ़राद की जानिब से उन के शौहर मुहम्मद सरवर को क़त्ल करके उन्हें मोटर साईकल के साथ ज़रई बावली में फेंक दिया गया है । सरवर की नाश को बावली से निकाल कर पुलिस की जानिब से एक मुक़द्दमा क्राईम नंबर 16/2011 सेक्शन 320-201 के तहत मुक़द्दमा दर्ज करते हुए तहक़ीक़ात का आग़ाज़ किया गया । मुहतरमा हलीमा ने सिसकती आवाज़ में कहा कि पुलिस असल क़ातिलों को गिरफ़्तार करने बजाय उन्हें उन के बेटे और भाईयों को हरासाँ कर रही है । उन्हों ने सवाल किया कि मेरे ग़रीब शौहर के बजाय किसी अमीर शख़्स का क़त्ल होता तो क्या पुलिस इस तरह ख़ामोशी इख़तियार करती ।

मुहतरमा हलीमा ने बताया कि वो अपने शौहर और 4 बच्चों के साथ ख़ुशगवार ज़िंदगी गुज़ार रही थीं कि चंद नामालूम अफ़राद ने उन के शौहर का बेदर्दी के साथ क़तल करते हुए उन की ज़िंदगी को वीरान कर दिया । पुलिस की जानिब से की गई पूछताछ पर उन्हों ने चंद लोगों की निशानदेही करवाई थी । लेकिन पुलिस की जानिब से आज तक इन अफ़राद से पूछताछ नहीं की गई ।मुहतरमा हलीमा ने बताया कि पुलिस हक़ीक़ी क़ातिलों का पता लगाने के बजाय इंक्वायरी और इनवेस्टीगेशन के नाम पर वक़्त गुज़ार रही है । बार बार मुझे तलब करते हुए पूछताछ के नाम पर हरासाँ कर रही है । मुझे मेरे लड़के और भाईयों को डराया धमकाया जा रहा है ।

उन्हों ने पुलिस की जानिब से उन्हें उन के लड़के और भाईयों को डरा धमकाकर दस्तख़त लेने की शिकायत की और कहा कि उन पर और उन के भाईयों पर अदालत में पोलो गिर इफ्फी टेस्ट क़बूल करने का दबाव डाला जा रहा है । बसूरत-ए-दीगर पुलिस की जानिब से थर्ड डिग्री इस्तेमाल करने की धमकी दी जा रही है । मुहतरमा हलीमा रोज़नामा सियासत के नामा निगार मुहम्मद अबदुल सलीम फ़ारूक़ी से जब अपनी दर्दभरी दास्तान सुना रही थीं तो उन के और उन के भाई अपने जज़बात पर क़ाबू पा ना सके और सिसक कर रो रहे थे । उन्हों ने कहा कि इन के शौहर मुहम्मद सरवर जो उन के और उन की बच्चों का ज़िंदगी का सहारा थे । शौहर की मौत का ग़म ही क्या कुछ कम था कि पुलिस की हरासानी से उन का और उन के भाईयों का जीना मुश्किल हो गया है । उन्हों ने कहा कि शौहर की मौत से जैसे उन पर मुसीबत के पहाड़ टूट पड़े हैं। मुहतरमा हलीमा ने कहा कि इन की सेहत ठीक नहीं है । आँखों से पानी बह रहा है । शौहर की जानिब से 3 लाख का क़र्ज़ का बोझ है और क़र्ज़दार मुझे काफ़ी परेशान कर रहे हैं जबकि मेरा कोई पुर्साने हाल नहीं है ।

पुलिस क़ातिलों का पता लगाने के बजाय मुझे मेरे लड़के और भाईयों को पुलिस स्टेशन कोरटला तलब करते हुए हरासाँ कर रही है और घर के किसी दो अफ़राद को इस क़त्ल को अपने सर लेने की धमकी दे रहे हैं । पुलिस की ज़ुल्म-ओ-ज़्यादती से हमारा जीना मुश्किल हो गया है । मुहतरमा हलीमा ने बताया कि पुलिस की ज़ुल्म-ओ-ज़्यादती से में इस क़दर तंग आ चुकी हूँ कि कभी दिल में आता है कि ख़ुदकुशी कर लूं । उन्हों ने कहा कि गुज़शता एक साल से पुलिस की हरासानी का शिकार हूँ लेकिन कोई उन की फ़र्याद सुनने वाला नहीं है । बार बार उन्हों ने क़ौम-ओ-मिल्लत का दर्द रखने वाले हज़रात से अपील की कि एक मज़लूम बेसहारा और बेक़सूर हाफ़िज़-ए-क़ुरआन और मेरे तीन भाईयों की मदद के लिए आगे आएं और पुलिस की हरासानी से नजात दिलाएं