नई दिल्ली । 4 । अप्रैल (पी टी आई) यू पी ए से डी एम के की दसतबरदारी के कई दिन बाद वज़ीर-ए-आज़म मनमोहन सिंह ने वाज़िह तौर पर एतराफ़ किया कि मख़लूत हुकूमत चलाना आसान नहीं है और शोबा सनअत के क़ाइदीन से ख़ाहिश की कि वो मईशत के एहया-ए-केलिए हुकूमत के पुख़्ता अज़म पर यक़ीन रखें।
उन्होंने तस्लीम किया कि हुक्मरानी में कई कोताहियां मौजूद हैं लेकिन कहा कि जम्हूरियत होने का फ़ायदा ये है कि कोताहियां हमेशा अवाम के सामने पेश की जाती है और दरहक़ीक़त एसी कई कोताहियां हम में भी मौजूद हैं। करप्शन , दफ़तरेत का तहर्रुक, मख़लूत हुकूमत के मसाइल इन सब से निमटना आसान काम नहीं है।
ताहम वज़ीर-ए-आज़म मनमोहन सिंह ने कहा कि वो हिन्दुस्तानी सनअत पर ज़ोर देंगे कि वो हुकूमत के पुख़्ता अज़म पर यक़ीन रखें और मनफ़ी रुजहानात के शिकार ना हो। वो कानफ़डरेशन आफ़ इंडियन इंडस्ट्री (सी आई आई) के सालाना आम इजलास से ख़िताब कर रहे थे, उन्होंने कहा कि वो देख रहे हैं कि मआशी शरह तरक़्क़ी दुबारा 8 फ़ीसद होजाएगी।
हमारे निज़ाम में तवील मुद्दती तब्दीलियां करनी होंगी। इस के अलावा हम सब को साथ लेकर तरक़्क़ी करने के मक़सद की भी तकमील करेंगे। उन्होंने कहा कि मुत्तहदा तरक़्क़ी पसंद महाज़ (यू पी ए) आइन्दा माह हुकूमत में 9 साल की मुद्दत मुकम्मल करलेगा। उसको नाख़ुशगवार हालात का सामना है क्योंकी कलीदी शराकतदार तृणमूल कांग्रेस और डी एम के गुज़िश्ता 6 माह के दौरान मख़लूत हुकूमत से दस्तबरदार होचुके हैं।
बाहर से ताईद फ़राहम करनेवाली अहम पार्टी समाजवादी पार्टी ही शोले उगल रही है। कई मसाइल पर इस पार्टी ने उनकी ज़ेर क़ियादत मख़लूत हुकूमत पर सख़्त तन्क़ीद की है। इस लिए इनका एहसास है कि मख़लूत हुकूमत चलाना इतना ही मुश्किल है जितना कि दफ़तरेत में हरकत-ओ-अमल पैदा करना यह करप्शन से निमटने , ताहम इस के बावजूद हुकूमत पर यक़ीन रखा जाना चाहीए कि वो तमाम मुश्किलात पर क़ाबू पालेगी